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रोडवेज के चार जीएम सस्पेंड, बस रूट संचालन के गलत आंकड़े किए थे पेश

हरियाणा सरकार ने हरियाणा रोडवेज के चार महाप्रबंधकों को निलंबित कर दिया है। उन पर मुख्‍यमंत्री को बैठक बस संचालन के बारे में गलत आंकड़े देने का आरोप है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 29 Nov 2017 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 29 Nov 2017 08:38 PM (IST)
रोडवेज के चार जीएम सस्पेंड, बस रूट संचालन के गलत आंकड़े किए थे पेश
रोडवेज के चार जीएम सस्पेंड, बस रूट संचालन के गलत आंकड़े किए थे पेश

जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बैठक में गलत आंकड़े पेश करने वाले हरियाणा रोडवेज के चार महाप्रबंधकों को सरकार ने निलंबित कर दिया है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में पलवल के रोडवेज महाप्रबंधक एनके गर्ग, नारनौल के महाप्रबंधक सुरेंद्र सिंह, जींद के महाप्रबंधक एमएस खर्ब और पानीपत के रोडवेज महाप्रबंधक एके डोगरा शामिल हैैं।

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इन चारों अधिकारियों ने अक्टूबर और नवंबर माह की दो अलग-अलग रिपोर्ट में बस संचालन का अलग-अलग खर्च दिखाया, जिसे देखकर सरकार चकरा गई। सभी रोडवेज महाप्रबंधकों से यह रिपोर्ट मांगी गई थी कि उनके बस रूट संचालन में कितना खर्च पड़ रहा है, ताकि घाटे के बस रूट को बंद किया जा सके।

पलवल, नारनौल, जींद और पानीपत के रोडवेज महाप्रबंधकों को किया गया सस्पेंड

पलवल, नारनौल, जींद और पानीपत के महाप्रबंधकों ने अक्टूबर माह में मांगी गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि उनके रूट पर बस संचालन का औसत खर्च 36 रुपये से 46 रुपये तक प्रति किलोमीटर आ रहा है। तब तक इन महाप्रबंधकों को यह नहीं मालूम था कि सरकार घाटे में चल रहे तथा अधिक खर्च वाले रूट को बंद कर सकती है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग की बैठक बुला ली।

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अधिकारियों को फिर नवंबर माह की इस बैठक के लिए रिपोर्ट देने को कहा गया तो इस रिपोर्ट में चारों महाप्रबंधकों ने रूट खर्च 14 रुपये प्रति किलोमीटर से 21 रुपये प्रति किलोमीटर तक दिखाया। यानी सीधे 22 से 25 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च कम हो गया। पलवल से दिल्ली-आगरा, पानीपत से जम्मू-शिमला, जींद से अमृतसर और नारनौल से जयपुर-कोटा समेत कई लंबे रूट पर बसों का संचालन होता है।

इन विरोधाभासी आंकड़ों को देखकर परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री हैरान रह गए। उन्होंने विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरआर जोवल को जांच कराने के लिए कहा, जिसके बाद जांच में पाया गया कि चारों अधिकारियों ने गलत आंकड़े पेश किए हैैं। लापरवाही पकड़े जाने पर चारों अफसरों को निलंबित कर दिया गया और उनका मुख्यालय चंडीगढ़ में बना दिया गया है।

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