रुचिका के दोषी पूर्व डीजीपी राठौड़ को वीआइपी ट्रीटमेंट पर बढ़ा बवाल, कई पर गिरेगी गाज
बहुचर्चित रुचिका छेड़छाड़ प्रकरण में दोषी व पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ की गणतंत्र दिवस समारोह में वीआइपी दीर्घा में मौजूदगी सबको चौका गई। मामले में अब सवाल उठने लगे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। बहुचर्चित रुचिका छेड़छाड़ प्रकरण में दोषी पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ की गणतंत्र दिवस समारोह में वीआइपी दीर्घा में मौजूदगी ने सबको चौका दिया। मामले में सवाल उठे तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मामले के जांच के आदेश दे दिए। मामले में जांच की जाएगी कि राठौड़ को सेक्टर-5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में आमंत्रण दिया गया था या नहीं। यदि उन्हें निमंत्रण नहीं था, तो वीआइपीज के साथ किस तरह पहुंच गए। राठौड़ ने पंचकूला के अधिकारियों के साथ सलामी कैसे ली। मामले में कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
सीएम के अनुसार मामला सोमवार को ही उनके संज्ञान में आया था। मामले की जांच के बाद कार्रवाई अवश्य होगी। राठौड़ वर्ष 2009 में 14 वर्षीय रुचिका गिरहौत्रा मामले में दोषी करार दिए गए थे। 1990 में उन पर रुचिका गिरहौत्रा से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें 6 महीने की कैद हुई थी। वर्ष 2018 में उनकी सजा 18 महीने कर दी गई थी। इस मामले की लड़ाई लडऩे वाले रुचिका की सहेली अनुराधा के पिता का हाल ही में निधन हो गया था। जिनका श्रद्धांजलि समारोह भी स्वराज अभियान द्वारा गणतंत्र दिवस पर ही रखा गया था।
अनुराधा ने जिला प्रशासन को चिट्ठी लिखकर राठौड़ को पहली लाइन में बैठाने पर आपत्ति जाहिर की। अनुराधा गुप्ता ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई समस्या नहीं है कि राठौड़ गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हों, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा उन्हें आमंत्रित करना और पहली लाइन बैठाना आपत्तिजनक है। आनंद प्रकाश स्मृति सभा की ओर से यह ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि राठौड़ गणतंत्र दिवस पर पंचकूला के सेक्टर पांच में हुए समारोह में वीआइपी दीर्घा में अग्रिम पंक्ति में दिखाई दिए थे। दोषी व्यक्ति के वीआइपी दीर्घा में बैठने से जहां सरकार निशाने पर है, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।
बता दें कि रुचिका से छेड़छाड़ 12 अगस्त 1990 को हुई थी। उस समय राठौड़ हरियाणा के डीजीपी थे। छेड़छाड़ की घटना उनके पंचकूला के सेक्टर छह स्थित घर पर बने हरियाणा लॉन टेनिस एसोसिएशन के ऑफिस में हुई थी। घटना के तीन साल बाद रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी। राठौड़ को सजा दिलवाने में रुचिका की सहेली अनुराधा और उसकी माता मधुप्रकाश व पिता आनंद प्रकाश ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी।
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