जहरीली गैसों के चैंबर बने शहर, गुरुग्राम, पंचकूला व रोहतक में जमकर घुला जहर
कोर्ट के आदेशों के बावजूद निर्धारित समयसीमा से पहले व बाद भी आतिशबाजी होती रही। हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष आतिशबाजी कम हुई।
चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। हर साल दीपावली पर आतिशबाजी से खतरनाक स्तर पर पहुंचते प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की सख्ती और जागरूकता अभियानों के बावजूद ज्यादातर लोगों ने कोई सबक नहीं लिया। पूरे प्रदेश में भारी आवाज और धुएं वाले पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध और आतिशबाजी के लिए दो घंटे निर्धारित करने के अदालती आदेशों की खूब धज्जियां उड़ीं। फरीदाबाद में पिछले साल की तुलना में प्रदूषण के स्तर में थोड़ी गिरावट जरूर आई, लेकिन गुरुग्राम, पंचकूला, रोहतक सहित अन्य शहरों में जमकर आतिशबाजी से हवा में हानिकारक तत्वों का गुबार छाया रहा।
प्रदेश सरकार ने दिवाली पर आतिशबाजी का समय शाम आठ से दस बजे तक रखा था। इसके बावजूद दिन ढलते ही इसका दौर शुरू हो गया जो रात बारह बजे तक जारी रहा। फरीदाबाद में आतिशबाजी के चलते बुधवार शाम चार बजे ही हवा में पीएम 2.5 (पर्टिकुलेट मैटर) का स्तर 385 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर पर पहुंच गया था जो बृहस्पतिवार को 500 तक रहा। इस दौरान हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 182 और सल्फर डाई आक्साइड 106 तक रही। जबरदस्त आतिशबाजी से हवा में घुली जहरीली गैसों से फरीदाबाद और गुरुग्राम में परिदृश्यता काफी कम रही।
गुरुग्राम में दिवाली पर पीएम 2.5 का स्तर 308 और अगले दिन 500 रहा, जबकि नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 136 और सल्फर डाई आक्साइड 39 तक रही। पंचकूला में दीपावली पर पीएम 2.5 178 और अगले दिन 334 तथा रोहतक में क्रमश : 254 व 399 रहा। इसी तरह पंचकूला और रोहतक में नाइट्रोजन ऑक्साइड व सल्फर डाई आक्ॅसाइड की मात्रा क्रमश: 53 व 115 तथा 55 व 28 रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक फरीदाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 262, गुरुग्राम में 212, रोहतक मेें 193 और पंचकूला में 109 रहा। यानी कि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी और वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक रात 11 से तीन बजे के बीच प्रदूषण की स्थिति सबसे खराब रही। प्रदूषण निगरानी केंद्रों के ऑनलाइन संकेतकों ने दिखाया कि दीपावली की रात पीएम 2.5 और पीएम 10 के सूक्ष्म कणों की मात्रा में सात बजे के बाद तेज से वृद्धि देखी गई।
कैसे बिके भारी आवाज और धुएं वाले पटाखे, यह बड़ा सवाल
पुलिस और दुकानदारों की मिलीभगत से भारी आवाज और धुएं वाले पटाखे धड़ल्ले से बिके। कुछ लोगों ने ऑनलाइन आतिशबाजी भी मंगाई जबकि प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन आतिशबाजी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। हालांकि कुछ लोगों ने पिछली बार बचे पटाखे चलाने की दलील दी।