जोगिया सब जानता है: मिलन कार्यक्रम में ड्रीम गर्ल की छरहरी काया से हतप्रभ महिला सांसद, पढ़ें हरियाणा की और भी खबरें
दिल्ली में महिला सांसदों का मिलन कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर भाजपा की सांसद व बॉलीवुड अभिनेत्री ड्रीमगर्ल हेमामालिनी (Hemamalini) भी मौजूद रही। हेमामालिनी की छरहरी काया देखकर अन्य महिला सांसद उनसे प्रभावित हुए बिना न रह सकीं।
चंडीगढ़ [बिजेंद्र बंसल]। संसद का बजट सत्र खत्म होने के बावजूद हरियाणा के ज्यादातर सांसद दिल्ली में ही हैं। भारतीय राजस्व सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति में आईं सिरसा से भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल दिल्ली में खूब सक्रिय रहती हैं। राजनीति से इतर वह सामाजिक कार्यों सहित आपसी मेल-मिलाप के कार्यक्रमों को खूब तरजीह देती हैं। गत दिवस उन्होंने अपने दिल्ली स्थित निवास पर भाजपा की महिला सांसदों का मिलन कार्यक्रम रखा।
महिला सांसदों ने अपनी इस किट्टी पार्टी में राजनीति से लेकर घर-परिवार की खूब चर्चा की। इस दौरान जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री और मथुरा से सांसद हेमामालिनी की फिटनेस को देखकर महिला सांसद अपनी ईर्ष्या नहीं छुपा पाईं। इसके चलते सभी ने ड्रीमगर्ल को छोड़कर एक दूसरे के साथ फोटो खिंचवाईं। हालांकि जब मेजबान सुनीता दुग्गल ने अपनी मेहमान के साथ फोटो खिंचवाई तो ड्रीम गर्ल ने वादा किया कि वे अगली बार सभी महिला सांसदों को फिटनेस टिप्स देंगी।
लक्ष्मण रेखा पार कर रही खाकी
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने एक बार फिर फेस मास्क की अनिवार्यता पर जोर दिया तो खाकी का पुलिसिया अंदाज मास्क में छुपे उनके चेहरे के बावजूद दिखाई पड़ता है। खाकी फिलहाल बिना मास्क वाले वाहन चालकों का चालान करने में जुट गई। सूबे में प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को पुलिस महानिदेशक के आदेशानुसार की जाने वाली जांच में तो खाकी ने वाहन चालकों पर जो कहर बरपाया, उसका आभास परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के पुत्र को अपने मित्र के 22 हजार रुपये के चालान से हुआ। हैरान और परेशान मंत्री ने पुलिस के एक बड़े अधिकारी को फोन लगाकर कहा कि खाकी वर्दी वाले लक्ष्मण रेखा पार न करें। पुलिस मास्क नहीं पहनने वालों को पहले तो जागरूक भी करे। उन्होंने आगाह भी किया कि सभ्य नागरिक का 22 हजार रुपये का चालान और गाड़ी जब्त करने का मतलब तो ईमानदार सरकार बदनाम करने का षडय़ंत्र है।
मुखियाजी ने खोली अपनी बंद मुट्ठी
सूबे में रहे मुखियाजी विकास पुरुष, जननायक जैसी उपाधि से नवाजे गए मगर मौजूदा मुखियाजी (मुख्यमंत्री मनोहर लाल) को प्रयोगधर्मी की उपाधि मिली है। व्यवस्था परिवर्तन के लिए मुखियाजी के पिटारे में अनेक ऐसे प्रयोग हैं जो सफल भी हुए हैं। मसलन बिना खर्ची-पर्ची के सरकारी नौकरियों में भर्ती,शिक्षकों सहित अन्य विभागों के सरकारी विभागों के आनलाइन तबादले, भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) उद्योग बंद करने के लिए अनुमति का अधिकार जिला स्तर पर दिए जाने के प्रयोग इसमें शामिल है। अब मुखियाजी ने नया प्रयोग करते हुए खुद अपनी ही बंद मुट्ठी भी खोल दी है। असल में उन्होंने अपने उस स्वैच्छिक कोटे को भी बंद कर दिया है जिसमें एचसीएस, एचपीएस अधिकारियों को आइएएस, आइपीएस के रूप में पदोन्नति मिलती थी। ऐसे ही 1996 में तत्कालीन मुखियाजी बंसीलाल ने सीएम स्वैच्छिक प्लाट आवंटन कोटा बंद किया था। तब सीएम कोटे के प्लाट भ्रष्टाचार के प्रर्याय बने हुए थे।
गब्बर की 'टीस'
तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने सत्तारूढ़ दल के नेताओं का बहिष्कार किया हुआ है। इस क्रम में आंदोलनरत किसानों का एक समूह मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर को भी उतरने का विरोध कर चुका है। गब्बर को यह सब पसंद नहीं आया। वैसे गब्बर की बात होती तो सब समझ जाते हैं कि बात गृहमंत्री अनिल विज की हो रही है। पिछले दिनों गब्बर ने जब सभी जिलों के पुलिस कप्तानों की बैठक ली। करनाल के कैमला गांव में मुख्यमंत्री की जनसभा थी मगर किसानों के आंदोलन के कारण मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर उतर नहीं पाया। गब्बर ने करनाल के पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी टीस रखी। पूछा- कि ऐसा क्या हो गया था जो सीएम तक का हेलीकाप्टर नहीं उतरवाया जा सका। बैठक में पुलिस अधीक्षक ने अपने 'बास' के सवालों के जबाव तो दिए मगर वह उनकी 'टीस' कम नहीं कर पाए।