Contract employees के लिए सरकार के कई अहम फैसले, अब छह माह की मिलेगी Maternity leave
आउटसोर्सिंग नीति पार्ट-। के तहत अनुबंध पर लगी करीब दो लाख महिला कर्मचारियों को भी अब छह महीने का प्रसूति अवकाश मिलेगा।
जेेेेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में आउटसोर्सिंग नीति पार्ट-। के तहत अनुबंध पर लगी करीब दो लाख महिला कर्मचारियों को भी अब छह महीने का प्रसूति अवकाश मिलेगा। अवकाश की अवधि का वेतन सरकार देगी, ताकि ठेकेदारों पर बोझ न पड़े। कांट्रेक्ट कर्मचारियों पर श्रम कानून लागू होंगे जो ठेकेदारों के मार्फत विभिन्न विभागों में लगे हुए हैं। इसके अलावा कच्चे कर्मचारियों की नौकरी अतिथि अध्यापकों की तरह सुरक्षित की जाएगी। पक्की भर्तियों की स्थिति में कच्चे कर्मचारियों को दूसरे विभागों में तो समायोजित किया जाएगा, लेकिन निकाला नहीं जाएगा।
चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कर्मचारी संगठनों के बीच वार्ता में यह फैसला लिया गया। इस दौरान मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, श्रम आयुक्त नितिन यादव सहित कई विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।
बिजली निगमों में ठेकेदारों के जरिये लगे 15 हजार कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने इन कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत निगम के पे-रोल पर लाने का एलान किया। निगमों में नियमित भर्ती के बाद नियुक्त किए सहायक लाइनमैन और क्लर्कों के आने के बाद हटाए गए कच्चे कर्मचारियों को फिर से नौकरी पर लिया जाएगा। इसी तरह से ग्रुप-डी की भर्ती के बाद हटाए गए कर्मचारियों को वापस लेने पर भी सरकार सकारात्मक नजर आई।
जोखिम वाले कार्यों में कार्यरत कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने दस लाख रुपये के बीमे की घोषणा की, जिसका प्रीमियम सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। योजना में गांवों एवं शहरों में कार्यरत सभी सफाई कर्मचारियों के अलावा, निकायों के सफाई कर्मचारी, सीवरमैन, बिजली निगमों के सहायक लाइनमैन, लाइनमैन और ड्राइवर शामिल होंगे।
कर्मचारी संगठनों ने सीएम के सामने चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) की मंजूरी अधिकारियों द्वारा लटकाए जाने का मुद्दा उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीसीएल के लिए अलग-अलग कैटेगरी तय होंगी। जिन महिलाओं के बच्चे छोटे हैं, उनकी सीसीएल की फाइलें जल्द मंजूर होंगी। इसी तरह से दूसरे वर्गों के लिए भी नियम तय होंगे। कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों के सेवा नियमों में उनके सुझाव अनुसार बदलाव करने की मंजूरी दी है।
विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों की हड़ताल, विश्वविद्यालयों की हड़ताल, रोडवेज की हड़ताल और राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल की गई उत्पीडऩ की कार्यवाही सरकार वापस लेगी। कुछ मामलों में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस भी चल रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि इस मामले में अटार्नी जनरल से कानूनी राय लेकर सरकार कदम उठाएगी। अगर किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं आई तो इन मामलों को वापस लिया जाएगा।
पैक्स कर्मियों को मिलेगी पदोन्नति
सरकार ने पैक्स कर्मचारियों की केंद्रीय सहकारी बैंकों में पदोन्नति का रास्ता भी खोल दिया है। घाटे में चल रही पैक्स को सरकार उबारेगी। लंबे समय से रुकी पैक्स कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा। कृषि सहकारी ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों को भी सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाएगा।
हरियाणा टूरिज्म और पैक्स कर्मचारियों के सेवा नियम बनाने और पर्यटन कर्मचारियों का 65 प्रतिशत बकाया एरियर जल्द जारी कराने का भरोसा दिलाया गया है। आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहे मृतक के आश्रितों का मेडिकल भत्ता 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये मासिक किया गया है। इसी तरह बोर्ड-निगमों के पेंशनरों की पेंशन में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों अनुसार संशोधन होगा।
मेवात मॉडल स्कूल होगा टेकओवर
मेवात विकास बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे मेवात मॉडल स्कूल को सरकार टेकओवर करेगी। यानी इस स्कूल का संचालन शिक्षा विभाग करेगा। आरोही मॉडल स्कूल के कर्मचारियों को नियमित करने का भी फैसला किया गया है। इन कर्मचारियों की सेवा शर्तों में स्पष्ट था कि पांच वर्ष के कार्यकाल के बाद उन्हें पक्का किया जाएगा। आरोही मॉडल स्कूल के कर्मचारी अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के भी हकदार होंगे।
ट्यूबवेल ऑपरेटरों के लिए कमेटी
जनस्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर लगे ट्यूबवेल ऑपरेटरों की मांगों का समाधान निकालने के लिए वित्त सचिव टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। इन कच्चे कर्मचारियों को ढाई से तीन हजार रुपये वेतन मिल रहा है। विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों की मांगों पर मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव के साथ बातचीत करके हल निकालने का भरोसा दिलाया।
काम कर गया सर्वकर्मचारी संघ का दबाव
सरकार ने सुबह करीब साढ़े 11 बजे चारों कर्मचारी संगठनों से एक साथ चर्चा करने की कोशिश की, लेकिन सर्व कर्मचारी संघ ने विरोध जताते हुए खुद को वार्ता से अलग कर लिया। बाद में हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने भी अलग से बातचीत की मांग उठाई। ऐसे में पहले भारतीय मजदूर संघ और हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ वार्ता हुई। इसके बाद कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात रखी। सर्व कर्मचारी संघ के साथ वार्ता का दौर सबसे अंत में करीब पौने तीन बजे शुरू हुआ, जो करीब पांच बजे तक चला। बैठक में संघ की ओर से धर्मबीर फौगाट, नरेश कुमार शास्त्री, सुभाष लांबा ने अपनी बात पुरजोर तरीके से रखी।