हरियाणा में फर्जी ट्रैवल एजेंटों का रैकेट टूटा, भारती की अगुवाई वाली SIT ने खोलीं पुरानी फाइलें
हरियाणा में फर्जी ट्रैवल एजेंंटों व गलत तरीके से लोगों को विदेश भेजनेवाले कबूतरबाजों का रैकेट टूटा है। भारती अरोड़ा के नेतृत्व वाली एसआइटी ने पुरानी फाइलें खोली हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की सीनियर आइपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा ने प्रदेश में युवाओं को नौकरी अथवा पढ़ाई के नाम पर फर्जी ढंग से विदेश भेजने वाले एजेंट (कबूतरबाजों) का रैकेट तोड़ दिया है। गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश पर बने विशेष जांच दल (एसआइटी) की प्रमुख भारती अरोड़ा ने कबूतरबाजी के कई-कई साल पुराने केस तक खोल डाले। करीब आधा दर्जन ऐसे केस पकड़ में आए हैं, जिनमें पुलिस के सहयोग से कबूतरबाज युवाओं को ठगने का काम करते रहे हैं। पुलिस में इन कबूतरबाजों के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज हुई, मगर लेनदेन के बाद इन फाइलों को बंद कर दिया गया।
आधा दर्जन ऐसे केस पकड़ में आए, जिनकी फाइलें पहले ही बंद कर चुकी थी पुलिस
आइपीएस भारती अरोड़ा के नेतृत्व वाली एसआइटी में एसपी स्तर के छह अधिकारी और शामिल हैं। लाकडाउन के दौरान अमेरिका से हरियाणा डिपोर्ट किए गए युवाओं से जब पूछताछ की गई तो कबूतरबाजों के बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ। गृह मंत्री ने मामले की तह में पहुंचने के लिए भारती अरोड़ा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया। एसआइटी प्रमुख भारती अरोड़ा ने छह एसपी की मदद से कबूतरबाजों के विरुद्ध पूरे प्रदेश में 327 एफआइआर दर्ज कराई हैं, जबकि 117 आरोपित को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनसे 52 लाख 52 हजार 300 रुपये की रिकवरी हुई है, जिसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एसआइटी ने 327 एफआइआर दर्ज कर 117 को पकड़ा, अब प्रदेश में सिर्फ 15 वैध एजेंट
एसआइटी अपनी जांच में इन कबूतरबाजों को राजनीतिक संरक्षण होने के नतीजे पर पहुंची है। हालांकि रिकार्ड में इसे दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन गृह मंत्री अनिल विज को पूरी रिपोर्ट दे दी गई है। विज का इशारा मिलने के बाद भारती अरोड़ा ने पूरी दिलेरी के साथ सभी कबूतरबाजों को अंदर करना शुरू कर दिया। अब प्रदेश में सिर्फ 15 ट्रैवल एजेंट बचे हैं, जिन्हेंं वैध की श्रेणी में कहा जा सकता है। इन सभी की लिस्ट हरियाणा सरकार ने जारी कर युवाओं से कहा है कि वह किसी के चुंगल में फंसने की बजाय वैध तरीके से ही बाहर जाएं। भले ही उन्हेंं पढ़ाई के लिए बाहर जाना है अथवा रोजगार या घूमने के लिए विदेश यात्रा करनी है।
एसआइटी ने उन केस की फाइलें भी खोल डाली हैं, जो बंद की जा चुकी थी। ऐसे पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति एसआइटी प्रमुख भारती अरोड़ा द्वारा की जा सकती है। प्रदेश में कबूतरबाजी का काम बरसों से हो रहा है। पिछले साल प्रदेश में 154 एफआइआर दर्ज हुई थी, जबकि 47 कबूतरबाजों को गिरफ्तार कर उनसे मात्र साढ़े दस लाख रुपये की रिकवरी हो पाई थी। यह पहला मौका है, जब राज्य में इतने व्यापक स्तर पर कबूतरबाजों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। भारती अरोड़ा की एसआइटी में आइपीएस नाजनीन भसीन, राहुल शर्मा, हिमांशु गर्ग, लोकेंद्र सिंह, शशांक कुमार सावन और मोहित हांडा शामिल हैं।
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' कबूतरबाजों के चक्कर में न फंसे लोग '
''हमने कबूतरबाजों पर अंकुश लगा दिया है। भारती अरोड़ा काबिल अफसर हैं। केंद्र एवं प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर विदेशों में भेजने के लिए वैध एजेंट की सूची जारी कर दी गई है। राज्य का कोई भी इच्छुक व्यक्ति विदेश जाने के लिए इनकी सहायता प्राप्त कर सकता है। बाकी दूसरे कबूतरबाजों के चक्कर में फंसने की किसी को जरूरत नहीं है।
- अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।
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'डीजीपी को भेजी जा चुकी पूरी रिपोर्ट'
'' हरियाणा सरकार ने पूरे प्रदेश में 15 वैध एजेंट की सूची जारी की है। इन्हेंं वेबसाइट पर डालने के बाद प्रतिदिन अपडेट करने की व्यवस्था की है। इसलिए वेबसाइट में दिए गए एजेंट की मदद से ही तथा नियमों को बेहतरीन ढंग से पढऩे के बाद लोग विदेश जाने की तैयारी करें। एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट डीजीपी को भेज दी है।
- भारती अरोड़ा, प्रमुख, एसआइटी एवं आइजी करनाल रेंज।
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