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Departmental examination में फेल चार SDO सहित पांच बर्खास्त, सात की Demotion

बिजली वितरण निगमों ने विभागीय परीक्षा पास करने में असफल रहे चार एसडीओ व एक अकाउंटेंट को बर्खास्त कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 11:20 AM (IST)
Departmental examination में फेल चार SDO सहित पांच बर्खास्त, सात की Demotion

जेएनएन, चंडीगढ़। बिजली वितरण निगमों ने विभागीय परीक्षा पास करने में असफल रहे चार एसडीओ व एक अकाउंटेंट को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा सात एसडीओ को रिवर्ट (डिमोट) करते हुए पुराने पदों पर भेजा है। बर्खास्त किए गए सभी एसडीओ वर्ष 2009 में भर्ती हुए थे। बिजली महकमे की कार्रवाई का विरोध कर रही कर्मचारी यूनियनों ने दावा किया है कि भर्ती विज्ञापन में विभागीय परीक्षा पास करने का कोई नियम नहीं था। बाद में यह शर्त जोड़ दी गई, जो गैर जरूरी है।

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बिजली निगमों के नियमानुसार नौकरी में बने रहने या पदोन्नति के लिए समय-समय पर आयोजित विभागीय परीक्षाओं को पास करना जरूरी है। परीक्षा पास करने के लिए विभाग की ओर से चार मौके दिए जाते हैं, जिन्हें बढ़ाया भी जाता रहा है। असिस्टेंट इंजीनियर (एई) इलेक्ट्रिकल प्रशांत कुमार, सुनील कुमार, मंदीप कुंडू, श्रीनिवास, राजदीप सिंह (अब रिटायर), जगदीश चंद्र और श्रीनिवास मौकों को भुनाने में विफल रहे जिससे उन्हें विभागीय नियमों का शिकार होना पड़ा।

ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन के राज्य प्रधान सुरेश राठी व महासचिव नरेश कुमार ने कहा कि एसडीओ दिन-रात काम में लगे रहते है। रात में भी वह सो नहीं पाते क्योंकि मोबाइल बजते रहते हैं। इससे एग्जाम की तैयारी का समय नहीं मिल पाता। बिजली निगमों की तानाशाही और गुरुग्राम सर्किल की पांच सब डिवीजनों को निजी हाथों में देने के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। 14 नवंबर को प्रदेश की सब डिवीजनों में प्रदर्शन किए जाएंगे। प्रदर्शनों के बाद उपमंडल अधिकारियों को ज्ञापन दिए जाएंगे और फिर राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर अगले आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।

सरकार ने मानी थी मांगें, अफसर नहीं होने दे रहे पूरी

बिजली यूनियन के चेयरमैन देवेंद्र हुड्डा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा व उप प्रधान एनपी सिंह चौहान ने बताया कि 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ सर्व कर्मचारी संघ की मीटिंग में एसए की नई भर्ती होने के बाद आउटसोर्सिंग नीति पार्ट-2 के तहत लगे अनुबंधित कर्मियों को ठेकेदारों को बीच से हटाकर पार्ट दो में करने पर सहमति बनी थी। मुख्यमंत्री ने पहले से सीधे निगमों के रोल पर लगे डीसी रेट अनुबंध कर्मियों को ठेकेदारों के मार्फत नहीं करने के निर्देश दिए थे।

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव द्वारा बिजली महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव को कहने के बावजूद कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पेंशन संशोधित नहीं की गई है। सरकार के लिखित आदेश के बावजूद डीसी रेट पर लगे अनुबंध कर्मियों की 8-9 जनवरी 2019 की हड़ताल अवधि की छुट्टियां पास नहीं की जा रही हैं। दूसरे मुद्दों पर भी अफसरों का यही रुख है।

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