एस्मा के तहत कार्रवाई के विरोध में 30 हजार कर्मचारियों ने गिरफ्तारी, तीन घंटे बाद छोड़े
विधानसभा में कर्मचारी नियमितीकरण बिल नहीं लाने और रोडवेज व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई के विरोध में करीब 30 हजार कर्मचारियों ने गिरफ्तारियां दी।
जेएनएन, चंडीगढ़। विधानसभा में कर्मचारी नियमितीकरण बिल नहीं लाने और रोडवेज व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई के विरोध में करीब 30 हजार कर्मचारियों ने गिरफ्तारियां दी। सर्व कर्मचारी संघ की अगुआई में चले जेल भरो आंदोलन में 112 कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इतनी बड़ी संख्या में गिरफ्तारियों से पुलिस लाइन और थानों में व्यवस्था गड़बड़ा गई।
कई जिलों में पुलिस व स्थानीय प्रशासन ने कर्मचारियों को गिरफ्तार कर उन्हें रिहा करने के प्रयास किए, लेकिन प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए जेल जाने पर अड़ गए। लंबी जिद्दोजहद के बाद कर्मचारियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइनों व थानों में ले जाया गया। करीब 2-3 घंटे के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। अधिकतर कर्मचारी जेल जाने के लिए कपड़े व जरूरी समान थैलों में डाल कर लाए थे।
सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मबीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि अगर पहली अक्टूबर तक एस्मा को हटाते हुए रोडवेज व स्वास्थ्य विभाग के हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ उत्पीडऩ की कार्रवाई को वापस नहीं लिया तो गांधी जयंती पर सभी जिलों में सत्याग्रह किया जाएगा।
सुभाष लांबा ने बताया कि आंदोलन की अगली कड़ी में 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक कैबिनेट मंत्रियों के हलकों में जनसभाएं एवं संगोष्ठी कर लोगों को जनविरोधी नीतियों के बारे में बताएंगे। 23 अक्टूबर को कैबिनेट मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शन होंगे और फिर भी मांगें नहीं मानी तो 15 नवंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी।
मुख्यमंत्री से एमपीएचडब्ल्यू की वार्ता टली, आज फिर बुलाया
बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी (एमपीएचडब्ल्यू) लगातार 23वें दिन हड़ताल पर डटे रहे। एसोसिएशन की प्रधान ओमपति व प्रेस सचिव संदीप कुंडू ने बताया कि मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें वार्ता के लिए बुलाया था। मगर मुख्यमंत्री के व्यस्त होने के कारण बातचीत नहीं हो सकी। अब उन्हें बुधवार दोपहर एक बजे फिर से वार्ता के लिए बुलाया गया है। एमपीएचडब्ल्यू की मुख्य मांगों में 4200 ग्रेड पे स्केल, तकनीकी कर्मचारी घोषित करना, आरसीएच की महिला कर्मी और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वर्दी भत्ता और दो साल के सेवाकाल के आधार पर उन्हें नियमित करने की पॉलिसी बनाना शामिल है।