दुष्यंत चौटाला ने दिया विरोधियों को जवाब, कहा- ताऊ देवीलाल का वंशज हूं, किसानों का बुरा नहीं होने दूंगा
कृषि कानूनों पर विपक्षियों के निशाने पर आए जेजेपी नेता व हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जवाब दिया। कहा कि वह किसान मसीहा स्व. देवीलाल के वंशज (पड़पौत्र) हैं और किसानों के हितों पर किसी तरह की आंच नहीं आने देंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध, राहुल गांधी के हरियाणा दौरे तथा इस्तीफे के लिए बढ़ते दबाव के बीच डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने अपने राजनीतिक विरोधियों को करार जवाब दिया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह किसान मसीहा स्व. देवीलाल के वंशज (पड़पौत्र) हैं और किसानों के हितों पर किसी तरह की आंच नहीं आने देंगे। दुष्यंत ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दल और कांग्रेस समर्थित मुट्ठी भर किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों पर किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं, जो उचित नहीं है।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी हरियाणा की भाजपा सरकार में साझीदार है। उनके चाचा इनेलो विधायक अभय चौटाला, महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू, आप नेता डा. सुशील गुप्ता, स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव समेत कई कांग्रेस नेता दुष्यंत पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं। दुष्यंत चौटाला ने अपने इन राजनीतिक विरोधियों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि ताऊ देवीलाल ने हमेशा किसान, कमेरे और गरीब तथा मजदूर वर्ग की लड़ाई लड़ी है। उनकी रगों में ताऊ देवीलाल का खून है, जो किसानों व मजदूरों तथा कमेरे वर्ग के हितों पर किसी सूरत में कुठाराघात नहीं होने देगा।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनके राजनीतिक विरोध सिर्फ विरोध करने के लिए ही तीनों कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं, जबकि विरोध करने वालों को इनकी बारीकियों के बारे में जानकारी नहीं है। किसानों को हर हाल में फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। आढ़ती को आढ़त मिलेगी और मंडी व्यवस्था बरकरार रहेगी। यदि कोई किसान मंडी से बाहर अपने घर या खेत पर ही फसल बेचना चाहता है तो उसे एमएसपी से ज्यादा रेट मिलता है तो वह अपनी फसल अधिक दाम पर बेचने के लिए स्वतंत्र है। यदि उसे कम रेट मिलते हैं तो सरकार एमएसपी पर किसान की फसल खरीदने की गारंटी ले रही है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कृषि कानूनों पर भोले-भाले किसानों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को कृषि शब्द के पहले अक्षर "क" के बारे में भी ज्ञान नहीं है। आज जो नए कानून बनाए गए हैं इनका समर्थन पिछली कांग्रेस की सरकार ने भी किया था और अपनी सरकार के समय में उन्होंने ओपन मार्केट के लिए अपनी रिपोर्ट में प्रस्ताव दिए थे। चार दिन से पूरे राज्य में कपास भी अच्छे दाम पर बिक रही है। विपक्ष की ओर से इस मसले पर राजनीति की जा रही है। आगामी रबी सीजन की गेहूं की फसल पर केंद्र सरकार ने 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देकर यह जाहिर कर दिया है कि किसानों की फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद जारी रहेगी।