दुष्यंत चौटाला दिल्ली में भाजपा संग मिलकर चुनाव लडऩे को तैयार, जानें किन सीटों पर है नजर
हरियाणा में भाजपा संग सरकार में शामिल होने के बाद दुष्यंत चौटाला की निगाह अब दिल्ली के विधानसभा चुनाव पर है। वह Delhi Assembly Election में भाजपा संग मिलकर उतरने को तैयार हैं।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में राजनीतिक पकड़ साबित करने और भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार में साझीदार होने के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की नजर दिल्ली की राजनीति पर है। दुष्यंत अपनी जननायक जनता पार्टी (JJP) का राजनीतिक विस्तार करेंगे। हरियाणा के Deputy CM दुष्यंत चौटाला की निगाह अगले दो माह में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) पर है। जजपा वहां भाजपा के साथ मिलकर चुनावी दस्तक देने की पूरी तैयारी में है। इसके लिए दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है। वैसे अगर बात नहीं बनी तो पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
जननायक जनता पार्टी का बाहरी दिल्ली की करीब 12 सीटों पर खास फोकस
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम अगले माह घोषित हो सकता है। वहां 15 फरवरी से पहले चुनाव होने हैैं। जननायक जनता पार्टी को केंद्रीय चुनाव आयोग से क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता मिल चुकी है। जजपा फिलहाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में साझीदार है।
बाहरी दिल्ली की 15 विधानसभा सीटें ऐसी हैैं, जिन पर जजपा चुनाव लडऩे का इरादा रखती है। इनमें आधा दर्जन सीटें जाट बाहुल्य वाले हैैं। बताया जाता है कि Delhi Assembly Election के लिए जजपा की भाजपा के साथ गठबंधन सिरे चढ़ाने पर बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि भाजपा यदि चार सीटें भी देने को तैयार हो गई तो जजपा संयुक्त रूप से ताल ठोंकने को तैयार हो जाएगी।
भाजपा के साथ बात बनी तो चार सीटों पर भी चुनाव लड़ने को तैयार हो सकती है जजपा
बताया जाता है कि गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर जजपा संयोजक दुष्यंत चौटाला की भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत चल रही है। बात बन गई तो भाजपा अपनी सहयोगी जजपा को नजफगढ़, मटियाला, पालम, बिजवासन, मुंडका व नरेला में से कोई चार सीटें दे सकती है। भाजपा के साथ बात नहीं बनने की स्थिति में जजपा अकेले ही बाहरी दिल्ली की करीब एक दर्जन सीटों पर ताल ठोंक सकती है।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश पर भी रहेगा फोकस
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद दुष्यंत चौटाला का फोकस राजस्थान और उत्तर प्रदेश पर भी रहेगा। इन दोनों राज्यों में हालांकि चुनाव हाल फिलहाल नहीं हो रहे, लेकिन संगठनात्मक गतिविधियों के लिहाज से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में जजपा अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार है। इन दोनों राज्यों में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) पहले चुनाव लड़ चुका है।
1998 में मिलकर लड़ चुके भाजपा और इनेलो
दिल्ली में भाजपा व इनेलो 1998 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ चुके हैैं। उस समय भाजपा ने इनेलो को नजफगढ़, महीपालपुर और बवाना तीन सीटें दी थी। इनमें बवाना आरक्षित विधानसभा सीट थी। हालांकि इनेलो तीनों सीटों पर चुनाव नहीं जीत पाई, लेकिन 2008 में नजफगढ़ से इनेलो की टिकट पर भरत सिंह पहली बार विधायक चुने गए थे। दुष्यंत चौटाला को लगता है कि बाहलरी दिल्ली में कई सीटें ऐसी हैैं, जहां जजपा अपनी पकड़ बना सकती है और नई राजनीतिक जमीन तैयार कर सकती है।
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लोकसभा चुनाव व जींद उपचुनाव में हरियाणा में एक साथ चले थे केजरीवाल और दुष्यंत
राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। दिल्ली में जिस आम आदमी पार्टी के खिलाफ जजपा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है, वह आम आदमी पार्टी हरियाणा में जजपा के साथ मिलकर दो चुनाव लड़ चुकी है। जींद उपचुनाव में आप व जजपा का गठबंधन हुआ था। उसके बाद लोकसभा चुनाव में जजपा ने सात और आम आदमी पार्टी ने तीन लोकसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा। विधानसभा चुनाव में जजपा ने अकेले ही दस्तक दी और 10 सीटें जीतने में कामयाब रही।
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