चाचा अभय चाैटाला काे हरियाणा विधानसभा से इस्तीफे पर घेरेंगे दुष्यंत चौटाला, जानें क्यों लाएंगे विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
इनेलो नेता अभय चौटाला के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे के कारण परेशानी पैदा हो सकती है। अभय के हरियाणा विधानसभा से इस्तीफे को लेकर राज्य में सियासत गर्मा गई है। इस्तीफे की शब्दावली को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ला सकते हैं।
चंडीगढ, जेएनएन। हरियाणा की राजनीति में हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला के विधानसभा की सदस्यता से सशर्त इस्तीफे पर राजनीति गरमा गई है। अभय सिंह चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के चाचा हैं। अभय चौटाला ने किसान हित में तीनों कृषि कानून रद करने की मांग करते हुए अपने इस्तीफे में लिखा है कि वह इस असंवेदनशील विधानसभा के सदस्य नहीं रहना चाहते। भतीजे दुष्यंत ने इसे मुद्दा बना लिया और चाचा अभय चौटाला के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का ऐलान कर दिया।
भाजपा व जजपा के साथ कांग्रेस विधायकों के भी कराए जाएंगे हस्ताक्षर
भाजपा और जजपा ने अभय चौटाला को घेरने के लिए मिलकर यह रणनीति बनाई है। अभय चौटाला शुक्रवार से प्रदेश में ट्रैक्टर यात्रा शुरू करने वाले हैं। उन्होंने विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है कि यदि 26 जनवरी तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तो 27 जनवरी से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए। ज्ञानचंद गुप्ता ने बुधवार को कहा था कि अभी तक उन्हें इस्तीफा नहीं मिला और यह इस्तीफा देने का तरीका नहीं होता। अभय को खुद आकर बिना कोई कारण बताए दो लाइनों में अपना इस्तीफा सौंपना होगा।
विधानसभा को संवेदनहीन बताने पर भतीजे दुष्यंत ने जताई नाराजगी
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बृहस्पतिवार को औपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि विधानसभा को संवेदनहीन बताना पूरे हाउस का अपमान है। अब जब भी विधानसभा सत्र होगा, तभी अभय चौटाला के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाएगा। इस प्रस्ताव पर भाजपा व जजपा विधायकों के अलावा कांग्रेस विधायकों के भी हस्ताक्षर करवाए जाएंगे क्योंकि अभय ने पूरे सदन का अपमान किया है। यह विधानसभा की तौहीन है और इसे माफ नहीं किया जा सकता।
पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कु. सैलजा ने भी अभय चौटाला के सशर्त इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस्तीफे का ड्रामा कर अभय भाजपा को फायदा पहुंचा रहे हैं। इस्तीफे की बजाय उन्हें अविश्वास प्रस्ताव पर वोट करनी चाहिए। हुड्डा पर पलटवार करते हुए अभय ने कहा था कि वह जब चाहें अविश्वास प्रस्ताव ले आएं, हम तैयार हैं।
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