दुष्यंत चौटाला का सियासी हमला, संसद में गूंजेगा हरियाणा का दवा घोटाला
सांसद दुष्यंत चौटाला हरियाणा के 300 करोड़ के घपले के आरोपों पर अडिग हैं। उन्होंने इसकी जांच के लिए केंद्रीय मंत्री नड्डा को पत्र लिखा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में हुए दवा खरीद घोटाले की गूंज अब संसद में सुनाई देगी। इनेलो संसदीय दल के नेता दुष्यंत चौटाला 18 जुलाई से शुरू हो रहे लोकसभा के मानसून सत्र में दवा घोटाले को उठाएंगे। उन्होंने इस घोटाले की सीबीआइ जांच और कैग से आडिट कराने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा है।
दुष्यंत चौटाला ने एक आरटीआइ के आधार पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 200 से 300 करोड़ रुपये के दवा घोटाले से इन्कार कर दिया था। अनिल विज ने कहा था कि राज्य में सिर्फ 45 करोड़ रुपये की दवाओं की खरीद हुई है।
दुष्यंत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (हरियाणा) के निदेशक से आरटीआइ के तहत मिली जानकारी को सार्वजनिक करते हुए कहा कि तीन साल की अवधि में राज्य के सरकारी अस्पतालों में कुल 808 करोड़ रुपये की दवाएं और मेडिकल उपकरण खरीदे गए हैैं। एनएचएम की खरीद प्रक्रिया और मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत यह खरीद हुई, जबकि इस अवधि में एनएचएम का कुल बजट 1400 करोड़ रुपये का था।
दुष्यंत चौटाला ने सवाल उठाया कि या तो स्वास्थ्य मंत्री गलत हैैं या फिर एनएचएम के निदेशक ने सही जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि विज को अपने विभाग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्हें सिर्फ सुर्खियों में रहना आता है। हरियाणा फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन और उनके बेटे के तार भी दवा खरीद घोटाले से जुड़े हैैं।
हर जिले में दो से तीन कंपनियों का फर्जीवाड़ा, हैैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट
दुष्यंत के अनुसार हर जिले में दो से तीन फर्जी कंपनियां बनाकर दवा घोटाला किया गया है। हिसार में पांच कंपनियां जीके ट्रेडिंग, श्रीकृष्णा ट्रेडिंग, सालासर ट्रेडिंग, श्री सिद्धि विनायक ट्रेडिंग और शगुन ट्रेडिंग ने नियमों के विपरीत जाकर खरीदारी की है। इनमें से कई कंपनियां अस्तित्व में ही नहीं हैैं, जबकि कुछ कंपनियों में सरकार के लोग भागीदार हैैं। दुष्यंत के मुताबिक हिसार की जीके ट्रेडिंग और श्रीकृष्णा ट्रेडिंग कंपनियों में घपले की भरमार है। हैैंड राइटिंग एक्सपर्ट ने भी रिपोर्ट दी है कि टेंडर, अप्रूवल, कुटेशन और चेक काटने वाला एक ही व्यक्ति था।
कैग अॉडिट अभी तक शुरू नहीं, एफआइआर भी नजर अंदाज
सांसद चौटाला ने कहा कि दवा घोटाला सामने आने के बाद विज ने कैग से ऑडिट कराने की बात कही थी, मगर अभी तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। आरोपों की जांच के लिए जिला स्तरीय कमेटियां बनाई गई। रेवाड़ी की कमेटी ने दवा घोटाला मानते हुए एफआइआर की इजाजत मांगी, मगर नहीं दी गई। हिसार में 114 बिल चेक किए गए, जिनमें पाया गया कि कोई ड्रग नहीं बेची गई। फिर भी सरकार चुप है। उन्होंने सरकार से न्याय नहीं मिलने की स्थिति में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने की बात भी कही है।
विज ने कहा- दुष्यंत भ्रमित, फिर भी जांच कराने को तैयार
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि सांसद दुष्यंत चौटाला के दवा खरीद घोटाले के आरोपों की जांच के लिए वह तैयार हैैं। उनका कहना है कि दुष्यंत यदि अपने कथित आरोपों के दस्तावेज उपलब्ध कराते हैैं तो उनकी पूरी जांच कराई जाएगी तथा किसी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। विज ने साथ ही इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला को भ्रमित व्यक्ति भी बताया। पिछले दिनों उन्होंने दुष्यंत को नशेड़ी बोल दिया था, जिसके विरुद्ध दुष्यंत ने हाल ही में हिसार जिला अदालत में विज के खिलाफ मानहानि का केस किया है। विज ने कहा कि दुष्यंत भ्रमित हैैं, क्योंकि उन्हें स्वयं नहीं पता कि वे क्या कह रहे हैैं।
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