अब हड़ताल नहीं बर्दाश्त, हरियाणा सरकार ने 84 एनएचएम कर्मी किए बर्खास्त
हरियाणा सरकार ने हड़लात कर रहे एनएचएम कर्मचारियोें के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। काम पर नहीं लौटने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने 84 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने चार दिन से हड़ताल पर चल रहे एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) कर्मचारियों पर तेवर कड़े कर लिए हैं। सरकार ने कहा है कि अब इस तरह हड़ताल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हड़ताली कर्मचारियों को काम पर नहीं लौटते देख स्वास्थ्य विभाग ने बर्खास्तगी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने 84 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इस पर कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल तीन दिन और बढ़ा दी है।
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं के साथ राज्य को कृमि संक्रमण से मुक्ति दिलाने का अभियान प्रभावित
स्वास्थ्य विभाग ने हड़तली एनएचएम कर्मचारियों के काम पर नहीं लौटने के बाद कार्रवाई शुरू की है। स्वास्थ्य विभाग ने 84 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। नारनौल में 70, पंचकूला में 11 और फरीदाबाद में तीन एनएचएम कर्मियों को बर्खास्त किया गया है। इससे भड़के एनएचएम कर्मचारियों ने हड़ताल को 11 फरवरी तक बढ़ाने का एलान कर दिया।
भड़के कर्मचारियों ने तीन दिन बढ़ाई हड़ताल
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से सरकारी अस्पतालों में जहां चार दिन से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं, वहीं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 1 से 19 साल तक के बच्चों और किशोरों को अल्बेंडाजोल गोली खिलाकर राज्य को कृमि संक्रमण से मुक्ति दिलाने का अभियान प्रभावित हुआ। मांगों को लेकर धरने पर बैठी आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्परों ने भी अभियान से दूरी बना ली।
इससे स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रदेश में इस साल 93 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है, जबकि पिछले साल 78 लाख बच्चों एवं किशोरों को यह दवा दी गई थी। करीब 50 हजार शिक्षकों और आंगनवाड़ी वर्करों की अभियान में लगाया गया है।
वहीं, सर्व कर्मचारी संघ एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में उतर आया है। संघ महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि अपनी सेवाएं नियमित कराने के लिए आंदोलनरत कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने की बजाय प्रदेश सरकार दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। अगर बातचीत से मसला नहीं सुलझाया तो संघ से जुड़े कर्मचारी भी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।