बिल्डरों और मकान मालिकों के विवाद होंगे खत्म, सरकार ने उठाया यह कदम
हरियाणा में मकान मालिकों और बिल्डरों के बीच विवाद को खत्म करने के लिए करनाल में अपीलीय अधिकरण (अपीलेट ट्रिब्यूनल) का गठन होगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के लोगों और बिल्डरों के बीच विवाद को खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार अपीलीय अधिकरण (अपीलेट ट्रिब्यूनल) का गठन करेगी। सरकार पहले ही रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन कर चुकी है। अपीलीय अधिकरण करनाल में होगा। हरियाणा देश में एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (हरेरा) को दो शाखाओं (गुरुग्राम व पंचकूला) में बांटा है। अपीलेट ट्रिब्यूनल में हरेरा के फैसलों पर अपील की जा सकेगी।
हरेरा के फैसलों को चुनौती देने के लिए करनाल में बनेगी अपीलेट अथॉरिटी
उल्लेखनीय है कि बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगाने और उपभोक्ताओं की परेशानियां दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) का गठन किया था। इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार ने हरेरा का गठन किया है। गुरुग्राम में बिल्डरों व कालोनाइजरों से जुड़े मामले अधिक हैं, इसलिए वहां अलग बेंच स्थापित की गई। बाकी प्रदेश के लिए पंचकूला में बेंच काम कर रही है।
मुख्यमंत्री के अनुसार इन दोनों बेंच के पास अभी तक 842 केस आए हैं। इनमें से 209 का निपटारा किया जा चुक है। मनोहर लाल ने बताया कि अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्यों की नियुक्ति हो चुकी है और चेयरमैन की नियुक्ति भी जल्द की जाएगी।
फरीदाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी में सीईओ की नियुक्ति जल्द
मुख्यमंत्री के अनुसार फरीदाबाद मेट्रोपोलिटन डेवलेपमेंट अथारिटी (एफएमडीए) में किसी वरिष्ठ अधिकारी को सीईओ नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में अथॉरिटी बनने का यह फायदा हुआ है कि विभिन्न विभागों के अलावा 1001 करोड़ रुपये के विकास कार्य शुरू करवाए जा चुके हैं। अथॉरिटी के गठन के बाद विकास कार्यों के लिए चंडीगढ़ से मंजूरी की जरूरत नहीं है।