जिन रोगों का इलाज रिसर्च नहीं, वह भारत ने सहजता से किया
संस, कालका : विश्व के शक्तिशाली देशों अमेरिका और इंग्लैंड ने भी भारत की एन्सिएंट साइंस और
संस, कालका : विश्व के शक्तिशाली देशों अमेरिका और इंग्लैंड ने भी भारत की एन्सिएंट साइंस और आयुर्वेद को मान्यता प्रदान कर दी है। अमेरिका और इंग्लैंड के मेडिकल रिसर्च सेंटर हैरान हैं कि जिन रोगों का इलाज वर्षो की लंबी रिसर्च और खरबों डॉलर खर्च करके भी नहीं हो पाया, वह समाधान भारत ने बड़ी सहजता से खोज लिया है। यह उद्गार ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने बद्दी रोड पपलोहा में आयोजित प्रभु कृपा दु:ख निवारण समागम के प्रथम दिन व्यक्त किए। समागम के प्रथम दिन देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी से मा भगवती और भगवान शिव का वह आलोक ग्रहण किया, जिससे हर प्रकार के असाध्य कष्ट और रोग तत्क्षण समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति धन्य-धन्य और सुख समृद्धि मिलती है। समागम में दिव्य पाठ से होने वाले अनुभवों को सुनकर मंच पर उपस्थित डॉक्टर, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी और विशिष्ट अतिथि हैरान रह गए। इलाज देखकर वैज्ञानिक भी रह गए हैरान
समागम शनिवार को 4 बजे से शुरू होकर देर रात तक चला व रविवार को भी 4 बजे शुरू होगा। स्वामी ने कहा कि मैं यहा केवल आपके कष्टों, दुखों, समस्याओं और असाध्य रोगों का शास्त्रोक्त विधि से समाधान प्रदान करने आया हूं। आप सब रोग मुक्त हों और अपना जीवन आनंद से जीएं, यही मेरा एकमात्र लक्ष्य है। दिव्य पाठ की शक्तियों का साक्षात्कार आज विश्व के करोड़ों लोग कर रहे हैं। पश्चिमी जगत के जो वैज्ञानिक नहीं मानते थे, वे भी प्रभु कृपा के इस आलोक को सहज ढंग से मान रहे हैं। मेडिकल साइस के वैज्ञानिक व डॉक्टर हैरान हैं कि जिन रोगों का इलाज उनके पास भी नहीं था, वे रोग केवल 10-15 मिनट के पाठ से कैसे दूर हो गए। स्वामी को कई देशों ने किया सम्मानित
स्वामी ने कहा कि अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा सहित अनेक देशों के लोग और सरकारें दिव्य पाठ से होने वाले अनुभवों का प्रमाणों के साथ साक्षात्कार करने के बाद हैरान हैं। भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धम के महासचिव सुशील वर्मा ने बताया कि स्वामी को अमेरिका की न्यूजर्सी स्टेट सीनेट व जनरल असेंबली ने विशेष प्रस्ताव पास कर सम्मान पत्र प्रदान किया और इनके नाम पर अमेरिका में 'ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी डे' मनाने की घोषणा की गई। इसके अतिरिक्त ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लार्ड्स ने भी इनको आमंत्रित कर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ के विशेष अधिकारी सासद स्टीवन पौंड और वरिष्ठ सासद बैरोनेस ने सम्मानित किया।