Haryana Liquor scam: एसईटी जांच रिपोर्ट पर डिप्टी सीएम दुष्यंत और गृहमंत्री विज में टकराव
हरियाणा में शराब घोटाले पर एनईटी की जांच रिपोर्ट पर घमासान मच गया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व राज्य के गृहमंत्री अनिल विज मेेंं टकराव पैदा हो गया है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में शराब घोटाले की जांच करने वाली एसईटी को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज आमने-सामने आ गए। विज ने एसईटी की रिपोर्ट के आधार पर आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी तथा सोनीपत की पूर्व एसपी प्रतीक्षा गोदारा को शराब घोटाले का जिम्मेदार मानते हुए विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। दुष्यंत ने विज के आरोपों तथा एसईटी की सिफारिशों का पूरे तथ्यों के आधार पर जवाब देते हुए इसे खारिज कर दिया। इससे विज और दुष्यंत चौटाला के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं।
दुष्यंत ने किया टीसी गुप्ता की एसईटी रिपोर्ट को खारिज, शेखर विद्यार्थी का खुलकर बचाव
चंडीगढ़ में मीडिया से रूबरू हुए आबकारी एवं कराधान मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि एसईटी की रिपोर्ट तथ्यहीन और दुर्भावना से प्रेरित है। बता दें कि गठबंधन की सरकार से पहले स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों के घोटाले पर विज और दुष्यंत में टकराव हो चुका है।
डिप्टी सीएम बोले- पहले से दर्ज 14 एफआइआर की जांच को आगे क्यों नहीं बढ़ा पाए विज
दुष्यंत ने एसईटी की रिपोर्ट में दर्ज 14 एफआइआर का जिक्र करते हुए विज से सवाल किया कि उन्हें इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि आज तक इन एफआइआर में ड्राइवर से ऊपर तक जांच क्यों नहीं पहुंच पाई, जबकि यह सारी एफआइआर मेरे आबकारी एवं कराधान मंत्री बनने से पहले की हैैं। विज ने इन एफआइआर की गहराई से जांच क्यों नहीं कराई।
एसईटी की रिपोर्ट में जिन 12 सिफारिशों का जिक्र, वह सभी आबकारी पालिसी में शामिल
दुष्यंत चौटाला ने आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी का खुलकर बचाव किया। उन्होंने कहा कि मैैं एसईटी की सिफारिशों से किसी सूरत में सहमत नहीं हूं, क्योंकि न केवल राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि तस्करी भी रुकी है। पुलिस विभाग की खामियों को आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों के मत्थे मढकर गृह मंत्री अनिल विज अपने विभाग की कमियों के बचाव में लगे हुए हैैं।
डिप्टी सीएम के अनुसार एसईटी ने जितनी भी 12 सिफारिशें अपनी रिपोर्ट में की हैैं, वह सभी हरियाणा की आबकारी पालिसी में हैं। इसका मतलब साफ हुआ कि सिफारिशें देते हुए प्रदेश की आबकारी पालिसी को पढ़ा ही नहीं गया। डिस्टलरी में सीसीटीवी लगाना पालिसी का पार्ट है।
26 मार्च को ठेके बंद करने के आदेश दिए और 27 को रिपोर्ट आ गई
डिप्टी सीएम ने एसईटी की रिपोर्ट में उल्लेखित उस तथ्य को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया कि आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी ने लॉकडाउन में ठेके बंद करने के आदेश नीचे तक नहीं पहुंचे। दुष्यंत चौटाला ने कहा, 26 मार्च को मैंने खुद अपने अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ठेके बंद करे के आदेश दिए और 27 मार्च को सुबह 11 बजे तक सभी 22 जिलों से ठेके बंद होने संबंधी रिपोर्ट मुख्यालय आ गई थी। इस रिपोर्ट के आने के बाद लिखित आदेश जारी करने का कोई मतलब नहीं था। इसका मतलब साफ है कि ईटीसी शेखर विद्यार्थी समेत पूरी टीम ने बेहतरीन काम किया।
लिखित में अनुरोध किए बिना डिस्टलरी का दौरा करने की अनुमति नहीं
डिप्टी सीएम ने विज द्वारा बताए गए एसईटी के उन तथ्यों को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया कि ईटीसी शेखर विद्यार्थी ने टीसी गुप्ता की टीम को किसी डिस्टलरी का दौरा नहीं करने दिया। दुष्यंत के अनुसार पंजाब के आबकारी एवं कराधान एक्ट में इस बात का प्रावधान है कि जब तक लिखित में कोई प्रस्ताव नहीं आएगा, तब तक डिस्टलरी की विजिट नहीं हो सकती। एसईटी प्रमुख टीसी गुप्ता की ओर से विभाग के पास लिखित में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया था।
उन्होंने बताया कि अब डिस्टलरी से जाकर सीसीटीवी कैमरों का फीड लेने का प्रावधान नहीं रहा। सभी डिस्टलरी को कहा गया है कि वह खुद विभाग के पास कैमरों का फीड पहुंचाएंगी। दुष्यंत ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि एसईटी हरियाणा की नहीं बल्कि पंजाब के प्लांट का दौरा करना चाहती थी, जो संभव ही नहीं था।
अब अगले 15 दिनों में नष्ट होगी बाकी बची हुई अवैध शराब
दुष्यंत चौटाला के अनुसार प्रदेश के सभी 22 जिलों में अवैध रूप से बरामद शराब को अगले 15 दिनों के भीतर नष्ट कर दिया जाएगा। बरामद शराब तीन माह के भीतर नष्ट करने का प्रावधान है। आबकारी विभाग ने नवंबर 2019 तक सारा स्टाक नष्ट कर दिया था। बाकी स्टाक अप्रैल 2020 में नष्ट होना था, जो लॉकडाउन की वजह से नहीं हो पाया। अगर किसी अधिकारी ने एक्साइज की चोरी की है अथवा कराई है तो उसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने की सिफारिश क्यों नहीं की गई।
'हमने तो कानून सख्त बनाया, जरूरत पड़ी तो फिर करेंगे बदलाव'
डिप्टी सीएम चौटाला के कहा कि हमने विधानसभा में शराब की तस्करी रोकने के लिए कानून को सख्त बनाया है। हमने 17 एक्ट में भी संशोधन किए। अब अगर जरूरत पड़ी और एसईटी को लगता है कि कहीं एक्ट में खामी है तो उसे भी संशोधित किया जा सकता है। इसके लिए एसईटी अपनी रिकमंडेशन दे दे। उन्होंने अनिल विज से सवाल किया कि गृह मंत्री को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उनके विभाग ने इन्वेस्टिगेशन को ड्राइवरों तक क्यों सीमित रखा। पहले आबकारी कानून में पांच, 500 और पांच हजार रुपये का जुर्माना था, जिसे हमने पांच लाख रुपये तक करते हुए लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान किया है।
एसईटी ने बोए सरकार के दो दिग्गजों के बीच लड़ाई के बीज, विपक्ष केे हाथ लगा बड़ा मुद्दा
दुष्यंत चौटाला और अनिल विज के इन तेवर से जहां सरकार की छवि को नुकसान पहुंच सकता है, वहीं विपक्ष के हाथ बड़ा मुद्दा लग गया है। सीनियर आइएएस अधिकारी टीसी गुप्ता के नेतृत्व वाली एसईटी की रिपोर्ट में जिन 14 एफआइआर का जिक्र है, उनमें किसी तरह की कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की गई। इस बात को खुद दुष्यंत मुद्दा बना रहे हैं। दुष्यंत का कहना है कि 2020-21 की एक्साइज पॉलिसी बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि अवैध शराब की बिक्री न हो। डिस्टलरी ही नहीं, एल-1, एल-13, एल-1 बीएफ के साथ ठेकों तक पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए।
टीसी गुप्ता की एसईटी ने कुल 12 सिफारिश की हैं। इनमें से कई सिफारिशें मिलती-जुलती हैं। एक प्वाइंट पर शराब वाहनों में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लगाने की अनुशंसा की है तो फिर अगले प्वाइंट में वाहनों में जीपीएस सिस्टम इंस्टॉल करने की बात भी कही है। अब ये दोनों एक ही चीजें हैं। पहले, तीसरे व पांचवीं सिफारिश जीपीएस और ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम से संबंधित हैं।
इसी तरह से सीसीटीवी और फ्लो मीटर से जुड़ी सिफारिश भी दो बार की गई है। एसईटी ने नौंवीं सिफारिश में कहा है कि एक्साइज अधिकारियों की ट्रेनिंग करवाई जानी चाहिए। एक्साइज में जब भी इंस्पेक्टर या दूसरे अधिकारियों की नियुक्ति होती है तो ज्वाइनिंग से पहले ही उन्हेंं नौ माह की ट्रेनिंग करनी जरूरी है।
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आप देखते रहिये, कार्रवाई तो होकर रहेगी: विज
'' हरियाणा के शराब घोटाले के मामले में एसईटी ने एक आइपीएस प्रतीक्षा गोदारा और एक आइएएस शेखर विद्यार्थी पर कार्रवाई की सिफारिश की है। बहुत जल्द ही इस पर एक्शन होता हुआ भी नजर आएगा। हमने सार्वजनिक रूप से जांच रिपोर्ट सामने रखी है, जो एसईटी ने दी। इस रिपोर्ट के आधार पर आबकारी एवं पुलिस दोनों विभागों की खामियां रही हैं। इसलिए हमने अधिक गहराई तक जाने तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मंशा से विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। इसमें किसी को कोई डर नहीं होना चाहिए।
- अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।