ESIC बीमित कर्मचारी की कोविड से मौत पर आश्रितों को हर महीने मिलेगा 90 फीसद वेतन
हरियाणा में यदि कर्मचारी ईएसआइसी से बीमित है और उसकी मौत कोरोना से होती है तो आश्रित को वेतन का 90 प्रतिशत हिस्सा हर माह मिलेगा। बेटे को 25 साल का होने तक तथा बेटी को शादी तक लाभ मिलेगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के दायरे में आने वाले निजी क्षेत्र के किसी कर्मचारी की मृत्यु अगर कोरोना से होती है तो आश्रित परिवार को कोविड-19 राहत योजना के तहत मासिक आर्थिक सहायता दी जाएगी। मृत बीमाकृत कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन का 90 प्रतिशत हिस्सा आश्रितों को हर महीने दिया जाएगा। मृतक की पत्नी को आजीवन या दूसरी शादी करने तक, बेटे को 25 साल का होने तक तथा बेटी को शादी होने तक यह लाभ दिया जाएगा। न्यूनतम राहत 1,800 रुपये प्रतिमाह होगी।
श्रम एवं रोजगार विभाग संभाल रहे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को मृतक बीमित कर्मचारियों के आश्रितों को सहायता राशि के चेक देते हुए यह बात कही। इस दौरान ईएसआइसी के उप-क्षेत्रीय कार्यालय अंबाला के अंतर्गत आने वाले मृतक बृजेश, जय कुमार, सहदेव वर्मा, अजय कुमार, रूपनारायण, रामकरण के आश्रित लाभार्थियों को हितलाभ-पत्र दिए गए। इनकी मृत्यु 24 मार्च 2020 के बाद कोविड-19 से हुई है।
पिछले साल 24 मार्च को शुरू हुई यह योजना दो वर्ष के लिए लागू रहेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उन पीड़ित परिवारों को विशेष लाभ होगा जिनके मुखिया की मौत होने पर कमाई का कोई साधन नहीं होता है। कार्यक्रम में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक भी शामिल हुए।
मानव संसाधन विकास विभाग शुरू, अफसर-कर्मचारियों से जुड़े मामले देखेगा
हरियाणा में नवगठित ‘मानव संसाधन विकास विभाग’ अस्तित्व में आ गया है। यह महकमा सरकारी कर्मचारियों की भर्ती से लेकर तबादलों, प्रतिनियुक्ति, सेवा नियमों में बदलाव और भ्रष्टाचार के मामलों सहित कर्मचारियों से जुड़ी सभी मामले देखेगा। इसके अलावा हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) के साथ ही ग्रुप ए, बी, सी और डी के सभी अफसर-कर्मचारियों पर एकीकृत प्रशासनिक नियंत्रण सुनिश्चित करेगा।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की ओर से नए महकमे के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह पहली बार है जब प्रदेश में ‘मानव संसाधन विकास विभाग’ गठित किया गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस महकमे को गठित करने का निर्णय लिया गया था। मुख्य सचिव के अधीन काम करने वाला यह विभाग सेवाओं और भ्रष्टाचार के उन्मूलन और सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से भर्ती में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
कर्मियों की प्रतिनियुक्ति, एचआरएमएस, एचपीएससी, एचएसएससी, संयुक्त प्रवेश परीक्षा के संबंध में नीति भी यह विभाग बनाएगा। भ्रष्टाचार के आधार पर कर्मचारियों का निष्कासन और समय-समय पर विभागों का पुनर्गठन भी इस विभाग का कार्यक्षेत्र होगालंबे समय से मानव संसाधन विकास विभाग की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। विभाग के गठन से कर्मचारियों के संबंध में एकरूपता से निर्णय लिए जा सकेंगे।