हारे हुए BJP candidate खोलेंगे पार्टी में भीतरघात की पोल, कारण जानने के लिए किया कार्यकर्ताओं की ओर रुख
Haryana BJP हारे हुए भाजपा प्रत्याशी कार्यकर्ताओं के बीच जाकर हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद बैठक में वह हार के कारण बताएंगे।
नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। Haryana BJP विधानसभा चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं आने के कारण जानने को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य के सभी जिलों में मंडल स्तर तक के पदाधिकारियों के बीच जाना शुरू कर दिया है। पार्टी नेतृत्व ने जिला प्रभारियों के साथ मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच जाने के लिए मनोहर लाल सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों सहित वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी लगाई है। इन वरिष्ठ नेताओं में मनोहर सरकार के पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता भी शामिल हैं।
इस क्रम में पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु अपने संबंधित जिलों के कार्यकर्ताओं से रूबरू हो चुके हैं। कार्यकर्ताओं के बीच जाकर हार के असल कारणों की परख का यह कार्य 22 नवंबर तक चलेगा। पार्टी ने 22 नवंबर की सांय गुरुग्राम के गुरुग्राम विश्वविद्यालय प्रांगण में हार की समीक्षा करने के लिए पहले हारे हुए 50 भाजपा उम्मीदवारों और फिर 40 जीते हुए उम्मीदवारों की बैठक बुलाई हुई है।
माना जा रहा है कि हारे हुए प्रत्याशी पार्टी में भीतरघात की पोल खोलेंगेे। पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज तो पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा के खिलाफ गंभीर आरोप लगा चुके हैं। पार्टी ने श्याम सिंह राणा का टिकट काटकर यमुनानगर के रादौर क्षेत्र से कंबोज को टिकट दिया था। कंबोज सहित ऐसे 50 हारे भाजपा प्रत्याशियों में से 35 ऐसे हैं जो अपनी हार के ऐसे कारण बता रहे हैं जो पार्टी संगठन के लिए चौंकाने वाले रहेंगे।
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23 नवंबर को पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भी गुरुग्राम विश्वविद्यालय के प्रांगण में होगी। पहले यह बैठक सूरजकुंड में होना तय की गई थी मगर वहां जगह खाली नहीं होने के कारण स्थान परिवर्तन किया गया।
बता दें, जमीनी स्तर पर अपेक्षित परिणाम नहीं आने के कारण जानने के लिए पार्टी ने दादरी, भिवानी जिला में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा, करनाल, पानीपत में राज्य के गृहमंत्री अनिल विज,पलवल व फरीदाबाद में पार्टी की राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव, हिसार में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर,पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी यमुनानगर, फतेहाबाद, सिरसा में विधायक कमल गुप्ता,नूंह, गुरुग्राम में विधायक दीपक मंगला सहित श्रीनिवास गोयल को कैथल,कुरुक्षेत्र और गोविंद भारद्वाज को रोहतक जिलों में कार्यकर्ताओं के बीच जाने की जिम्मेदारी सौंपी है। विधायक धनश्याम अरोड़ा को भी दो जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ सभी जिला प्रभारी भी रहेंगे और जिला प्रभारियों के माध्यम से ही कार्यकर्ताओं की सही स्थिति प्रदेशाध्यक्ष तक पहुंचेगी।
फीडबैक भी नहीं दे पाएंगे दूसरे दलों से आए पूर्व विधायक
लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव के दौरान दूसरे दलों से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायकों को 22 नवंबर की फीडबैक बैठक में अभी तक नहीं बुलाया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार टिकट से वंचित ये नेता फीडबैक देने से भी वंचित रहेंगे। इनमें से ज्यादातर नेता अभी तब तक कुछ भी बोलने से इसलिए भी परहेज कर रहे हैं कि उन्हें सरकार के निगम-बोर्ड के चेयरमैन बनने की संभावना नजर आ रही है। हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड ये भाजपा के 75 पार के नारे और जनआशीर्वाद यात्रा पर बहुत कुछ तथ्यात्मक बोल रहे हैं। जिन विधायकों के टिकट कटे हैं, उन्हें भी फीडबैक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।
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