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Haryana Politics: स्पीकर ने की प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल, हरियाणा में फिर 30 हुई कांग्रेस विधायकों की संख्या

Haryana Politics कालका के विधायक रहे प्रदीप चौधरी को एक मामले में सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता रद कर दी थी। मामले में उन्हें हिमाचल हाई कोर्ट से राहत मिल गई। अब स्उपीकर ने उनकी सदस्यता को बहाल कर दिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 02:01 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 05:17 PM (IST)
Haryana Politics: स्पीकर ने की प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल, हरियाणा में फिर 30 हुई कांग्रेस विधायकों की संख्या
कालका के विधायक प्रदीप चौधरी की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। Haryana Politics: हरियाणा के पंचकूला जिले की कालका विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव नहीं होंगे। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कालका के निवर्तमान कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल कर दी है। हिमाचल प्रदेश की नालागढ़ कोर्ट द्वारा एक आपराधिक मामले में प्रदीप चौधरी को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई गई थी। नालागढ़ अदालत के इस फैसले को आधार बनाते हुए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रदीप चौधरी की विधानसभा से सदस्यता रद कर दी थी।

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हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से कानूनी राय लेने के बाद स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाल की है। चौधरी की सदस्यता बहाल होते ही अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 30 हो गई है। प्रदीप चौधरी नालागढ़ कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट गए थे, जहां नालागढ़ जिला कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई। सदस्यता बहाली के लिए हाल ही में प्रदीप चौधरी स्पीकर से भी मिले थे और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी प्रदीप चौधरी की सदस्यता बहाली के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था।

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हुड्डा और प्रदीप चौधरी ने सदस्यता बहाली के लिए स्पीकर के समक्ष हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा नालागढ़ जिला अदालत के फैसले पर लगाई गई रोक को आधार बनाया था। इस पर स्पीकर ने एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से राय ली। करीब एक पखवाड़े में एडवोकेट जनरल ने अपनी राय दी, जिसके बाद स्पीकर ने बृहस्पतिवार शाम को प्रदीप चौधरी की कालका से विधानसभा की सदस्यता बहाल करने का फैसला सुना दिया।

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विधानसभा सचिव आरके नांदल ने स्पीकर के फैसले के बाद प्रदीप चौधरी की विधानसभा की सदस्यता बहाल करने संबंधी परिपत्र भी जारी कर दिया। प्रदीप चौधरी को 31 जनवरी से 19 अप्रैल तक की अवधि के वेतन और भत्ते नहीं मिल पाएंगे, क्योंकि इसी अवधि में नालागढ़ कोर्ट का फैसला आया और लागू रहा। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पीकर के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बिना किसी राजनीतिक दबाव के सही फैसला सुनाया है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी स्पीकर के फैसले की सराहना की है।

अब सिर्फ ऐलनाबाद में ही होगा उपचुनाव

प्रदीप चौधरी की विधानसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद अब कालका में उपचुनाव लड़ने और जीतने का सपना देख रहे विभिन्न दलों के करीब आधा दर्जन नेताओं के मंसूबों पर तुषारापात हुआ है। अब राज्य में सिर्फ ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। तीन कृषि कानूनों के विरोध में ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। कालका से चुनाव लड़ने वालों की भाजपा, इनेलो, जजपा और कांग्रेस में लंबी फेहरिस्त थी, जिसमें आधा दर्जन उम्मीदवार मजबूत दावेदारों में शामिल थे।


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