Unlock 3.0 में भी मेट्रो और लोकल ट्रेन शुरू नहीं होने से लोगों की नौकरी पर बन आई
हरियाणा और एनसीआर में अनलॉक 3.0 में भी लोकल और मेट्रो ट्रेन शुरू नहीं हो पाने से नौकरीपेशा लोग परेशान हैं। अब उनकी नौकरी पर बन आई है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सामान्य (लोकल) और मेट्रो ट्रेन की परिवहन सुविधा बंद रहने से अब लोगों की नौकरी पर बन आई है। अनलाॅक 3.0 (Unlock 3.0) में भी मेट्रो ट्रेन और लोकल रेलगाडियां शुरू नहीं होने से दैनिक यात्री व नाैकरीपेशा लोग परेशान हैं। दिल्ली से लगते हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जिलों से ही नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ तथा मथुरा-आगरा तक से प्रतिदिन लोग लोकल व अन्य ट्रेनों में सफर करते हैं। इसी तरह की समस्या हरियाणा के रोहतक, सोनीपत, पानीपत से भी हजारों की संख्या में लोग लोकल ट्रेनों से काम पर जाते थे।
दिल्ली से लगते हरियाणा, उत्तर प्रदेश शहरों से प्रतिदिन आवागमन करते हैं लाखों लोग
मथुरा व गाजियाबाद से दिल्ली तक के प्रतिदिन 34-34 फेरे लोकल ट्रेनों के तय हैं। इसके अलावा गुरुग्राम, बहादुरगढ़, रोहतक से लेकर पानीपत करनाल तक के लोग भी प्रतिदिन दिल्ली से आवागमन करते हैं। मेट्रो रेल के आंकड़ों पर जाएं तो 2206 कोच के साथ दिल्ली मेट्रो की रेल तकरीबन 400 किलोमीटर रोजाना दौड़ती हैं और इनमें 30 लाख लोग प्रतिदिन सफर करते हैं।
दैनिक रेल यात्री संघों ने सीएम मनोहर लाल और केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल से लगाई गुहार
दैनिक रेल यात्री संघ के प्रवक्ता कृष्णवीर सिंह बताते हैं प्रतिदिन लोकल ट्रेनों से दस लाख लोग आवागमन करते हैं और मेट्रो से करीब 15 लाख लोग आवागमन करते हैं। इनमें से 50 फीसद विभिन्न सरकारी या गैर सरकारी नौकरी करते हैं तो 25 फीसद लोग कारोबारी होते हैं। बाकी 25 फीसद लोग ऐसे होते हैं जो अपने जरूरी कामकाज के लिए इन परिवहन सेवाओं का उपयोग करते हैं।
कृष्णवीर सिंह बताते हैं कि लाॅकडाउन-3 में एक अगस्त से यह पूरी उम्मीद थी कि सामाजिक दूरी के कुछ सुझावों के साथ लोकल और मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इसी उम्मीद के चलते ज्यादातर नौकरी पेशा लाेगों को उनके नियोक्ता भी परेशान नहीं कर रहे थे। मगर अब नियोक्ताओं ने भी कह दिया है कि यदि नौकरी करनी है तो समय पर कार्यस्थल पर आना शुरू कर दें। जाने के समय में भी अब कोई छूट नहीं मिलेगी।
कृष्णवीर सिंह के अनुसार सोनीपत-दिल्ली और पलवल-दिल्ली से लेकर गाजियाबाद-दिल्ली दैनिक रेल यात्री संघों ने अपने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से इसका हल निकालने का आग्रह किया है। हरियाणा के दैनिक रेल यात्री संघों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर से गुहार लगाई है।
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'' सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के स्थगित होने से मुझ सहित लाखों लोगों को परेशानी हो रही है। मैं फरीदाबाद स्थित अपने गांव से पहले बस से सीधे बल्लभगढ़ और यहां से दिल्ली अपने ऑफिस तक मेट्रो रेल का सफर करता था। रोजाना 1.45 घंटे का एक तरफ से सफर करता था मगर अब यह सफर मुझे अपनी बाइक से करना पड़ रहा है। बाइक से प्रतिदिन लंबा सफर काफी डरावना रहता है। दिल्ली में निवास रखना काफी महंगा है। वैसे भी उम्मीद है कि ट्रेन सेवा जल्द शुरू होंगी मगर अब सरकार को इस बाबत सोचना चाहिए।
- अक्षित कुमार, दैनिक यात्री।
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'' दैनिक रेल यात्रियों की एक बड़ी समस्या है। हमारे सामने बसों का परिचालन भी सामान्य रूप से कराने की भी बड़ी चुनौती है। फिलहाल यह भी सच है कि दिल्ली एनसीआर में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं स्थगित रहने से उन लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है जो अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए इनका उपयोग करते थे। दैनिक रेल यात्री संघ ने मुझे अपनी समस्या बताई है। हम यह मामला मुख्यमंत्री के माध्यम से केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे। वैसे सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर यह सख्ती दिल्ली एनसीआर में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण भी है।
- मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री, हरियाणा।
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