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आपत्तिजनक शब्द मामले में क्रिकेटर युवराज सिंह ने जांच के लिए मोबाइल हरियाणा पुलिस को सौंपा

Cricketer Yuvraj Singh Case दलित समाज के लिए आपत्तिजनक शब्द के मामले में घिरे क्रिकेटर युवराज सिंह ने वह फोन हरियाणा पुलिस को सौंप दिया है जिससे बातचीत हुई थी। यह जानकारी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हरियाणा पुलिस ने दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 07:15 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 07:15 PM (IST)
आपत्तिजनक शब्द मामले में क्रिकेटर युवराज सिंह ने जांच के लिए मोबाइल हरियाणा पुलिस को सौंपा
क्रिकेटर युवराज सिंह की फाइल फोटो ।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। क्रिकेटर युवराज सिंह के खिलाफ हांसी में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआइआर मामले में सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि युवराज सिंह ने जांच ज्वाइन कर ली है और जिस फोन से बातचीत हुई थी, वह भी युवराज ने पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस के इस जवाब पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जांच कर रहे डीएसपी को आदेश दिया कि वह हलफनामा दायर कर यह आश्वस्त करें कि जो फोन पुलिस को दिया गया है यह वही फोन है जिससे बातचीत हुई थी।

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मामले की सुनवाई के दौरान युवराज की तरफ से भी इस्तेमाल किए गए शब्द के क्या मायने पर पक्ष रख कर याचिका खारिज करने का आग्रह किया गया। इससे पहले हांसी की एसपी नितिका गहलोत ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर मामले की स्टेटस रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी थी । जांच रिपोर्ट में कोर्ट को बताया गया कि जिस अपमानजनक शब्द का प्रयोग युवराज सिंह द्वारा किया गया है वह हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में केंद्र के गजट के अनुसार एससी वर्ग से संबंधित है।

अभी तक की जांच में एक सर्वे करवाया गया था कि युवराज द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द के क्या मायने हैं । स्थानीय लोगों के बीच से इस सर्वे से सामने आया कि यह शब्द अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अपमानजनक शब्द के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही पुलिस ने दलील दी कि गूगल करने पर भी गूगल यह बताता है कि यह सब दलित वर्ग के लिए अपमानजनक टिप्पणी के रूप में इस्तेमाल होता है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को जारी रखते हुए एफआइआर पर अगले आदेशों तक किसी भी किस्म की कार्रवाई किए जाने पर रोक जारी रखी।

बता दें, क्रिकेटर युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम पर यजुवेंद्र चहल से वीडियो चैटिंग करते हुए दलित समाज के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी जिस पर हांसी थाना शहर में उसके खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के खिलाफ दर्ज मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को युवराज सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया था।


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