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चौटाला परिवार में बिखराव के बाद इनेलो-बसपा गठबंधन की अग्निपरीक्षा होंगे निगम चुनाव

चौटाला परिवार में हुए बिखराव के बाद हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की नगर निगम चुनाव में बड़ी परीक्षा होने जा रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 05:03 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 09:16 AM (IST)
चौटाला परिवार में बिखराव के बाद इनेलो-बसपा गठबंधन की अग्निपरीक्षा होंगे निगम चुनाव
चौटाला परिवार में बिखराव के बाद इनेलो-बसपा गठबंधन की अग्निपरीक्षा होंगे निगम चुनाव

जेएनएन, चंडीगढ़। चौ. देवीलाल के परिवार में हुए बिखराव के बाद हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की नगर निगम चुनाव में बड़ी परीक्षा होने जा रही है। अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला की राजनीतिक राहें जुदा होने के बाद इनेलो-बसपा गठबंधन पहली बार किसी चुनाव में उतरने जा रहा है। इस चुनाव के नतीजे दोनों राजनीतिक दलों की जनता में पकड़ का अहसास कराने में सहायक साबित होंगे।

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प्रदेश में जींद उपचुनाव से पहले 16 दिसंबर को पांच नगर निगमों के चुनाव होने जा रहे हैं। भाजपा ने पांचों नगर निगम के मेयर और पार्षदों के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ने का ऐलान किया है, जबकि इनेलो-बसपा गठबंधन सिर्फ मेयर पद के चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ेगा। इनेलो के राजनीतिक मामलों (पीएसी) की नई दिल्ली में हुई बैठक में मेयर के चुनाव ही पार्टी सिंबल पर लडऩे का सुझाव दिया गया है।

पानीपत, करनाल, रोहतक, यमुनानगर और हिसार नगर निगमों में होने जा रहे चुनावों में कौन सा निगम इनेलो और बसपा के खाते में आएगा यह तय होना अभी बाकी है,  लेकिन माना जा रहा है कि यमुनानगर नगर निगम के मेयर पद की सीट बसपा को दी जा सकती है। इनेलो ने गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव भी पार्टी सिंबल पर लड़ा था।

इनेलो द्वारा एक दिसंबर से कुरुक्षेत्र से अधिकार यात्रा की भी शुरुआत की जा रही है। एक दिसंबर से छह दिसंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। इसलिए एक दिसंबर से पहले इनेलो और बसपा में मेयर की सीटों का बंटवारा होना तय है। इसके लिए अभय सिंह चौटाला को अधिकृत किया गया है। इस दौरान फील्ड में पोतों द्वारा दादा ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ किए जा रहे प्रचार को इनेलो अपना हथियार बना रही है।

मेयर चुनाव के बीच अजय चौटाला के सांसद बेटे दुष्यंत नौ दिसंबर को जींद के पांडु पिंडारा गांव में नई पार्टी का ऐलान करने वाले हैं। उनकी पार्टी हालांकि नगर निगम के चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है, लेकिन इनेलो-बसपा गठबंधन के रास्ते में बाधाएं जरूर खड़ी कर सकती है। इन बाधाओं का जवाब देने के लिए इनेलो ने रणनीति तैयार की है। ऐसे में मेयर का चुनाव सीधे तौर पर इनेलो-बसपा गठबंधन की राजनीतिक ताकत दिखाने का आइना साबित होगा।

एक दिसंबर से पहले तय हो जाएंगे प्रत्याशी

इनेलो प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय का कहना है कि इनेलो-बसपा गठबंधन ने सिर्फ मेयर पदों के चुनाव सिंबल पर लडऩे का फैसला लिया है। अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। एक दिसंबर से नामांकन है। इससे पहले यह तय हो जाएगा कि इनेलो व बसपा किस-किस नगर निगम के मेयर का चुनाव लडऩे जा रहे हैं। जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी।

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