हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन में सिक्योरिटी गार्ड की आउटसोर्स भर्ती में गड़बड़ी, तीन कंपनियां ब्लैक लिस्टेड
हरियाणा वेयरहाउसिंग कारपोरेशन में सिक्योरिटी गार्ड भर्ती में गड़बड़ी सामने आई हैैै। आधा दर्जन विधायकों ने चेयरमैन नयनपाल रावत से निजी कंपनियों की शिकायत की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन (Haryana Warehousing Corporation) के गोदामों में सिक्योरिटी गार्ड रखने के नाम पर दस से 50 हजार रुपये का सुविधा शुल्क वसूले जाने का मामला सामने आया है। यह काम अनुबंध पर सिक्योरिटी गार्ड रखने वाली दिल्ली व गुरुग्राम की तीन प्राइवेट एजेंसियों के द्वारा किया जा रहा है। करीब आधा दर्जन विधायकों ने इसकी जानकारी जब वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत से की तो उन्होंने प्रबंध निदेशक को इन तीनों प्राइवेट एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया चालू करने तथा उनसे जवाबतलब के निर्देश दिए हैैं।
हरियाणा के अधिकतर जिलों में वेयरहाउसिंग के गोदाम हैैं, जहां अनाज चोरी की शिकायतें आम हैैं। इसे रोकने के लिए प्रदेशभर में करीब 400 सिक्योरिटी गार्ड अनुबंध पर रखने का निर्णय लिया गया। यह अनुबंध दो साल के लिए हुआ। सिक्योरिटी गार्ड रखने का काम एपी सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम, सिक्योरिटी एंड़ इंटेलीजेंस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली और साइंटिफिक सिक्योरिटी मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली को प्रदान किया गया।
वेयरहाउसिंग के गोदामों पर यह सिक्योरिटी गार्ड 15 सितंबर से तैनात किए जाने थे। एक सितंबर से इनकी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सिक्योरिटी गार्ड का मानदेय 14 हजार रुपये मासिक निर्धारित किया गया था। पूंडरी के निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, बरवाला के जजपा विधायक जोगी राम सिहाग, नीलोखेड़ी के निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, कुरुक्षेत्र के भाजपा विधायक सुभाष सुधा और घरौंडा के भाजपा विधायक हरविंद्र कल्याण ने चेयरमैन नयनपाल रावत को बताया कि एजेंसी के संचालक युवकों को सिक्योरिटी गार्ड लगाने के नाम पर 10 से 50 हजार रुपये के सुविधा शुल्क की मांग कर रहे हैैं।
इन विधायकों ने चेयरमैन से पूरे मामले की जांच कराने का आग्रह या और कहा कि युवाओं का शोषण करने वाली इन एजेंसियों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। चेयरमैन ने विधायकों की बात की पुष्टि करने के बाद स्वयं भी पाया कि कई ऐसे युवक हैैं, जिनसे मांगे गए और कुछ युवकों ने पैसे दिए भी। गरीब युवक योग्यता रखने के बावजूद एजेंसी संचालकों को पैसे नहीं दे पाए, उन्हें नौकरी पर नहीं रखा गया।
चेयरमैन ने वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के एमडी राजीव रत्तन को निर्देश दिए कि पूरे मामले की जांच कर उन्हें रिपोर्ट सौंपी जाए तथा तीनों एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट कर नई एजेंसियों के साथ अनुबंध करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने जिला प्रबंधकों से भी ऐसे युवाओं से एजेंसियों के खिलाफ शिकायत लेकर मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए हैैं, ताकि उनके आधार पर जांच को निर्णायक नतीजे पर पहुंचाया जा सके।
किसी स्थिति में बर्दाश्त नहीं कर सकते भ्रष्टाचार
हरियाणा हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन नयनपाल रावत का कहना है कि मुझे कई विधायकों व अन्य लोगों ने सूचना दी कि जिन निजी कंपनियों को आउटसोर्स का ठेका दिया गया था, उनके द्वारा 10 से 50 हजार रुपये की मांग आवेदनकर्ताओं से की जा रही है। यह सरकार की नीति के खिलाफ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी पारदर्शी व्यवस्था के पक्षधर हैैं। इसलिए भ्रष्टाचार किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। लिहाजा तीनों एजेंसियों को काली सूची में डालने के निर्देश देते हुए जांच के आदेश दिए हैैं।