टीकाकरण बना मजबूत सुरक्षा कवच, हरियाणा में सिर्फ पांच प्रतिशत कोरोना मरीज अस्पतालों में हो रहे भर्ती
हरियाणा में कोरोना टीकाकरण के कारण 5 फीसद मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में 20 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अस्पतालों में भर्ती होना पड़ रहा था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच लोगों पर टीकाकरण का असर भी बखूबी दिख रहा है। दूसरी लहर में जहां 20 प्रतिशत से अधिक मरीजों को गंभीर हालत में अस्पतालों में दाखिल करना पड़ रहा था, वहीं वर्तमान में पांच प्रतिशत से भी कम मरीज अस्पतालों में जा रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए दोनों टीके लगवाने वाले 98 प्रतिशत से अधिक लोग होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो रहे हैं। पिछले दस दिन में 14 संक्रमित ही जिंदगी की जंग हारे हैं।
टीकाकरण के प्रति लोगों में खूब उत्साह दिख रहा है। सोमवार को फ्रंट लाइन वर्कर, हेल्थ केयर वर्कर्स और 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को तीसरा टीका (प्रीकाशन डोज) लगाने के पहले दिन 13 हजार 40 लोगों ने बूस्टर डोज ली। इसी तरह 15 से 18 आयु वर्ग के छह लाख 60 हजार 881 किशोर-किशोरियां टीकाकरण करा चुके हैं। हालांकि रफ्तार पकड़ती कोरोना की तीसरी लहर चिंता भी बढ़ा रही है। दैनिक संक्रमण में लगातार इजाफा हो रहा है जो अब 14.90 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
पिछले 24 घंटों में ओमिक्रोन के 26 नए मामलों के साथ 5736 नए मरीज मिले। इस दौरान 1552 रोगी ठीक होकर घर लौटे, जबकि पांच मरीजों की मौत हो गई। अंबाला में दो और गुरुग्राम, करनाल व यमुनानगर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। 22 जिलों में सबसे ज्यादा गुरुग्राम में 2621, फरीदाबाद में 1071, सोनीपत में 322, पंचकूला में 344, अंबाला में 303, करनाल में 171, रोहतक में 103, यमुनानगर में 91, कुरुक्षेत्र में 84, भिवानी में 65, हिसार में 64, झज्जर में 98, रेवाड़ी में 74, कैथल में 63 और सबसे कम पलवल व नूंह में 11-11 संक्रमित मिले।
सोमवार को दो लाख 43 हजार 435 लोगों ने कोरोना से बचाव का सुरक्षा कवच पहना। इनमें एक लाख 30 हजार 502 ने पहली और एक लाख एक हजार 828 को दूसरी डोज लगी। प्रदेश में अभी तक तीन करोड़ 70 लाख 54 हजार 536 टीके लगे हैं। दो करोड़ 16 लाख 10 हजार 412 को पहली और एक करोड़ 54 लाख को 32 हजार 719 को दूसरी डोज लग चुकी है। प्रदेश में ओवरआल संक्रमण दर 5.34 प्रतिशत है। रिकवरी दर लुढ़ककर 95.93 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। मृत्यु दर 1.26 प्रतिशत है।