Haryana Teacher Vacancy: हरियाणा में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के 4000 पदों पर भर्ती विवाद में उलझी, प्रकिया पर फंसा पेंच
Haryana Teacher Vacancy हरियाणा में 4000 पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों की भर्ती विवाद में उलझ गई है। इसमें प्रक्रिया को लेकर पेंच फंस गया है। इससे बेरोजगारों का इंतजार लंबा हो गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Teacher Vacancy: हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग में एक दर्जन विषयों के करीब चार हजार पदों पर होने वाली पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) की भर्ती विवादों में फंस गई है। पीजीटी के पद हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आते हैं। इसे हरियाणा एजुकेशन सर्विस-द्वितीय माना गया है। ऐसे में यह प्रदेश सरकार की ग्रुप बी वर्ग की सेवा के दायरे में आता है। ग्रुप ए और ग्रुप बी के पद गजेटेड (राजपत्रित) अधिकारियों के होते हैं। इन पीजीटी पदों पर हरियाणा राज्य शिक्षा स्कूल कैडर (ग्रुप बी) सेवा नियम 2012 लागू हैं एवं इनका वेतनमान पे मैट्रिक्स लेवल-8 अर्थात 47 हजार 600 रुपये से 1 लाख 51 हजार 600 रुपये के बीच होता हैं।
द्वितीय श्रेणी के इन पदों के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग कर रहा भर्ती
पीजीटी के पद हरियाणा सरकार के ग्रुप बी सेवा वर्ग के होने के कारण चूंकि राजपत्रित अधिकारी के हैं, इसलिए इनकी चयन-प्रक्रिया हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की बजाय हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा की जानी चाहिए, क्योंकि प्रदेश सरकार की ग्रुप ए और ग्रुप बी वर्ग की सेवा के लिए चयन का दायित्व एचपीएससी का ही होता है।
हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड रद करने के बाद से अभी तक लोक सेवा आयोग को नहीं सौंपी गई भर्ती प्रक्रिया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस भर्ती प्रक्रिया पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। आयोग ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर समाधान के नाम से पोर्टल लांच किया है, जिस पर हेमंत कुमार ने यह पहली शिकायत दर्ज कराई। अगस्त 2019 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा विज्ञापन जारी कर हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग में 12 विभिन्न विषयो के पोस्ट ग्रेजुएट ग्रुप बी (पीजीटी) स्कूल टीचर के कुल 3864 पदों की चयन-प्रक्रिया के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
इसमें इस वर्ष फरवरी में एक शुद्धि-पत्र जारी कर विभिन्न विषयों के पीजीटी की संख्या में कुछ संशोधन किया गया। करीब नौ वर्ष पहले हरियाणा में तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार द्वारा वर्ष 2011 में विधानसभा से एक कानून पारित करवाकर हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड एक्ट 2011 बनाया गया था, जिसके अंतर्गत इस नाम से गठित बोर्ड को प्रदेश के सभी राजकीय (सरकारी) स्कूलों में टीचर्स के हर वर्ग के चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसमें पीजीटी (ग्रुप बी) के पद भी शामिल थे।
इस बोर्ड के गठन को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई, जिसे दिसंबर 2013 में हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था एवं बोर्ड के गठन एवं उसके द्वारा पीजीटी समेत सभी वर्गों के टीचर्स की चयन प्रक्रिया को सही ठहराया गया था। हालांकि जब अक्टूबर 2014 में हरियाणा में भाजपा की सरकार आई तो दिसंबर 2014 में एक अध्यादेश जारी करवाकर इस बोर्ड को समाप्त करवा दिया गया। बाद में इस अध्यादेश को विधानसभा में विधेयक के रूप में पारित करवाया गया एवं अप्रैल 2015 में इसे राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हो गई।
एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार इसके करीब दो महीने बाद 18 जून 2015 को हरियाणा सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव डीएस ढेसी द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यो में संशोधन किया गया, जिसमें हरियाणा के राजकीय स्कूलों में पीजीटी सहित ग्रुप बी और ग्रुप सी सभी टीचरों की चयन प्रक्रिया आयोग को प्रदान कर दी गई। तब से एचएसएससी ही ऐसे सभी पदों के लिए चयन करता आ रहा है।
एडवोकेट ने समाधान पोर्टल पर दर्ज कराई अपनी आपत्ति में कहा है कि अगर हरियाणा सरकार ने इन पीजीटी स्कूल टीचर्स जो ग्रुप बी अर्थात एचईएस-द्वितीय होने के कारण गजेटेड पद हैं, उनके चयन के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को कानूनन अधिकृत करना था। इसके साथ-साथ ही राज्य सरकार को एक और नोटिफिकेशन जारी कर इन पीजीटी ग्रुप बी पदों को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर निकालना चाहिए था।
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