हरियाणा में सफाई कर्मचारियों के बच्चों को मिलेगा 12 हजार रुपये तक का एकमुश्त वजीफा
हरियाणा में सफाई कर्मियों के बच्चों को दसवीं कक्षा तक आठ हजार, बारहवीं तक दस हजार और स्नातक स्तर पर बारह हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में सफाई कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई अब आर्थिक तंगी से नहीं छूटेगी। स्थानीय निकायों और गांवों में लगे सफाई कर्मियों के बच्चों को दसवीं कक्षा तक आठ हजार, बारहवीं तक दस हजार और स्नातक स्तर पर बारह हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से रू-ब-रू सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने यह जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन भी उनके साथ थे। राज्य मंत्री के अनुसार अनुसूचित जाति के अधिकतम छात्र-छात्राओं को मेधावी छात्र योजना का लाभ देने के लिए शहरों में न्यूनतम अंक फीसद को 80 के बजाय 75 और गांवों में 75 से घटाकर 70 तक किया गया है।
इसके अलावा कंप्यूटर पर टाइपिंग और डाटा एंट्री कोर्स के लिए 250 रुपये वजीफा दिया जा रहा है। बेदी के अनुसार बेटियों की शादी से 21 दिन पहले ही सरकार कन्यादान की पूरी राशि पिता को सौंप देगी। हालांकि इसके लिए पात्र परिवार को शादी से एक महीने पहले आवेदन करना पड़ेगा।
बीपीएल परिवार की बेटियों की शादी में 11 हजार, अनुसूचित जाति और विमुक्त जातियों को 41 हजार तथा सभी जाति की महिला खिलाडिय़ों की शादी में विभाग 31 हजार रुपये का कन्यादान देने का प्रावधान है। विधवाओं, तलाकशुदा और बेसहारा युवाओं को खुद की शादी के लिए 51 हजार का शगुन दिया जाता है।
अनुसूचित जाति आयोग का गठन जल्द, राज्यपाल ने दी मंजूरी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया कि सफाई कर्मचारी आयोग की तर्ज पर अनुसूचित जाति आयोग का गठन जल्द ही कर दिया जाएगा। प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल मुहर लगा चुके हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसकी घोषणा कर देंगे। आयोग के गठन से अनुसूचित जातियों के जुड़े मामलों को तेजी से निपटाया जा सकेगा।
महकमे में 30 फीसद कर्मचारी कम, रद नहीं हुई ग्रुप डी की भर्ती
सोशल मीडिया पर वायरल ग्रुप डी की भर्ती रद होने के आदेश को फर्जी करार देते हुए राज्यमंत्री ने इसे शरारती तत्वों की हरकत बताया। उन्होंने माना कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में 30 फीसद कर्मचारियों की कमी है। इसका ठीकरा पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार पर फोड़ते हुए उन्होंने कहा कि लगातार ठेके पर भर्तियों के चलते यह नौबत आई। सरकारी महकमों में बैकलॉग पूरा नहीं होने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी विभागाध्यक्षों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।