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केंद्र सरकार ने हरियाणा में रैपिड किट से टेस्ट पर लगाई रोक, IMCR की हरी झंडी पर ही मिलेगी मंजूरी

केंद्र सरकार ने हरियाणा में रैपिड किट से कोरोना टेस्‍ट करने पर रोक लगा दी है। हरियाणा सरकार दक्षिण काेरियाई कंपनी द्वारा तैयार रैपिट किट से कोरोना टेस्‍ट कराने की तैयारी में थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 11:35 AM (IST)
केंद्र सरकार ने हरियाणा में रैपिड किट से टेस्ट पर लगाई रोक, IMCR की हरी झंडी पर ही मिलेगी मंजूरी
केंद्र सरकार ने हरियाणा में रैपिड किट से टेस्ट पर लगाई रोक, IMCR की हरी झंडी पर ही मिलेगी मंजूरी

चंडीगढ़, जेएनएन। केंद्र सरकार ने किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले हरियाणा में रैपिड टेस्ट किट के जरिये होने वाली जांच पर रोक लगा दी है। चीन से आयातित रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर पहले से रोक है। प्रदेश सरकार ने साउथ कोरिया की गुरुग्राम स्थित कंपनी से सस्ती दरों पर रैपिड टेस्ट किट खरीदी थी। करीब 25 हजार किट की सप्लाई हो भी चुकी और 75 हजार किट की सप्लाई होनी बाकी है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने फिलहाल रैपिड किट से टेस्ट किए जाने से किया मना

केंद्र सरकार ने कहा है कि जब तक भारतीय आर्युविज्ञान चिकित्सा परिषद (आइएमसीआर) किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती अथवा कोई सिफारिश नहीं करती, तब तक किसी भी रैपिड टेस्ट किट का इस्तेमाल न किया जाए। साउथ कोरिया की कंपनी द्वारा बनाई गई किट की पहले आसीएमआर जांच करेगी और इसके बाद मंजूरी मिलेगी।

आइसीएमआर की सिफारिश के बाद होगी जांच, तब तक संदिग्ध के कोरोना टेस्ट कराएगा हरियाणा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने सभी प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में यह दिशा निर्देश जारी किए। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डा. हर्षवर्धन को जानकारी दी कि चीन से आई किट खऱाब और नकली निकलने के बाद प्रदेश सरकार ने साउथ कोरिया की कंपनी को एक लाख रैपिड टेस्ट किट के आर्डर दिए थे। अब हरियाणा इस किट का इस्तेमाल करना चाहता है, जिसकी अनुमति प्रदान की जाए।

दरअसल, हरियाणा ने हाल ही में प्रदेश के सभी 22 जिलों में 10 हजार से ज्यादा टीमों के जरिये घर-घर सर्वे कराया है। सभी कंटेनमेंट जोन, बफर जोन और सामान्य घरों में यह सर्वे आशा वर्कर और एएनएम ने किया है। कई स्थानों पर टीम में दो से तीन सदस्य भी शामिल हुए। कुल 46 लाख 8 हार 84 घरों में सर्वे किया गया। आशा वर्करों व एनएनएम ने लोगों को कोरोना के बारे में जागरूक भी किया और उनसे परिवार के सभी सदस्यों के बारे में फीडबैक जुटाया। इस सर्वे में कुल 9977 लोगों को चिह्नित किया गया है, जिनके टेस्ट करवाए जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अनुसार यह 9977 वे लोग हैं, जिन्होंने सर्वे टीमों को यह बताया है कि उन्हें निमोनिया है या फिर सांस लेने में तकलीफ है। इन सभी के रैपिड टेस्ट किट से प्राथमिक टेस्ट होने थे, जो अब केंद्र की मंजूरी मिलने तक रोक दिए गए हैं, लेकिन अब सरकार इन सभी का सीधे कोरोना टेस्ट कराने पर गंभीरता से विचार कर रही है। फिलहाल इन सभी को घर में रहने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने को कहा गया है।

अनिल विज ने बताया कि जिन लोगों ने निमोनिया व सांस लेने में तकलीफ की शिकायत बताई है, उन सभी के टेस्ट करवाए जाएंगे। केंद्र की गाइड लाइन का फिलहाल इंतजार है। यह शिकायतें किसी जिला विशेष या कोरोना प्रभावित एरिया से नहीं मिली हैं बल्कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों ने ऐसी बात कही है। यह जरूरी नहीं कि ये कोरोना संदिग्ध हैं। फिर भी सरकार अपनी तसल्ली के लिए टेस्ट करवाएगी।


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