Ranjit murder case में CBI की ओर से बहस पूरी, Video conferencing से हुई राम रहीम की पेशी
Dera Sacha Sauda सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से जुड़े पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में CBI की तरफ से फाइनल बहस पूरी हो गई है।
जेएनएन, पंचकूला। डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) से जुड़े पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में CBI की तरफ से फाइनल बहस पूरी हो गई है। केस की अगली सुनवाई के दौरान अब बचाव पक्ष की तरफ से अंतिम बहस शुरू की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई अब एक फरवरी को होगी। शनिवार को सुनवाई के दौरान डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुआ, जबकि अन्य आरोपित जसवीर, कृष्ण लाल और अवतार प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए। वहीं आरोपित इंद्रसेन उम्रदराज होने के चलते हाजिरी माफी पर रहा। इसके अलावा आरोपित सबदिल भी हाजिरी माफी पर रहा।
अगली सुनवाई पर बचाव पक्ष की फाइनल बहस के बाद CBI कह विशेष अदालत की ओर से मामले में अपना फैसला सुनाया जाएगा। CBI के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि शनिवार को CBI की ओर से अपनी फाइनल बहस पूरी कर ली गई है। अब अगली सुनवाई में बचाव पक्ष द्वारा फाइनल बहस शुरू की जाएगी। वहीं बचाव पक्ष के वकील अनिल कौशिक ने बताया कि इस मामले में आरोपित कृष्ण लाल ने शनिवार को CBI के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पक्ष होकर कुछ बात रखी हैं, लेकिन उस समय कृष्ण लाल और जज अकेले कोर्ट रूम में थे, इसलिए कोई जानकारी नहीं है कि कृष्ण लाल ने क्या कहा है।
गुरमीत सिंह को आरोपित बनाने के मामले की सुनवाई टली
पंचकूला हिंसा के मामले में डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत सिंह को आरोपित बनाने के लिए चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में दाखिल याचिका पर शनिवार को सुनवाई टल गई। सीजेएम रोहित वत्स की प्रमोशन होने के चलते उन्होंने केस सुनने से इन्कार कर दिया। अब नये सीजेएम मामले की सुनवाई करेंगे। अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी।
25 अगस्त 2017 को हुई हिंसा को लेकर दाखिल यह याचिका राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह से जुड़ी है। खट्टा सिंह ने याचिका में कहा था कि 25 अगस्त को जो हिंसा हुई है, वह राम रहीम के इशारे पर हुई। बड़ी संख्या में गाडिय़ों को आग लगा दी गई। मीडिया कर्मियों का सामान जला दिया गया और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। गुरमीत राम रहीम ने अपने समर्थकों को साजिश के तहत पंचकूला भेजा था, जिसके बाद जब उसे साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी ठहरा दिया तो उसने दंगे करवा दिए। बावजूद इसके राम रहीम का आज तक किसी एफआइआर में नाम नहीं आया। इसलिए उन्हें आरोपित बनाया जाए।
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