Manesar land scam: सीबीआइ ने हरियाणा के गृह सचिव समेत पांच और अधिकारियों को बनाया आरोपित
Manesar land scam सीबीआइ ने हरियाणा के मानेसर जमीन घोटाले में पांच और अधिकारियों को आरोपित बनाया है। सीबाआइ ने इस मामले में राज्य के गृह सचिव को भी आरोपित बनाया है। इस तरह इस मामले आरोपितों की संख्या 39 हो गई है।
पंचकूला, जेएनएन। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल में हुए बहुचर्चित मानेसर जमीन घोटाला मामले में पंचकूला स्थित सीबीआइ कोर्ट ने पांच नए आरोपितों को शामिल कर लिया। हालांकि इस केस में आज आरोप तय होने थे, लेकिन सीबीआइ ने आरोपितों की संख्या 34 से बढक़र 39 करने की अर्जी लगा दी, जो स्वीकार हो गई। अब 17 दिसंबर को आगामी सुनवाई होगी।
अब मानेसर जमीन घोटाले के कुल आरोपितों की संख्या 39 हुई
पंचकूल स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट में इस मामले के मुख्य आरोपित एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए। अन्य सभी आरोपित प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए। सीबीआइ के वकील ने अदालत को बताया कि मामले में पांच अधिकारियों को आरोपी के रूप में शामिल किया गया है। इसमें आइएएस राजीव अरोड़ा, डीआर ढींगरा, सुरजीत सिंह, धारय सिंह और कुलवंत सिंह लांबा शामिल हैं। राजीव अरोड़ा फिलहाल हरियाणा के गृह सचिव हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये हुए पेश
अदालत ने कार्यवाही के दौरान आरोपी एम एल तायल, जसवंत सिंह और सुदीप ढिल्लों द्वारा दायर की गई डिस्चार्ज की अर्जी को खारिज कर दिया। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा सहित सभी आरोपितों पर बचाव पक्ष की ओर से आरोपों को लेकर पहले ही पूरी बहस हो चुकी है। कुल 34 आरोपितों के खिलाफ पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसमे हुडा के अलावा उनके तत्कालीन सचिव एमएल तायल, छतर सिंह, एसएस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों का नाम चार्जशीट में आया है।
मंगलवार को अदालत में इस केस पर जिरह के दौरान सीबीआइ के वकील ने बताया कि नए आरोपितों को पेश होने के लिए कहा गया है। ऐसे में अभी आरोप तय नहीं किए जा सकते हैं। जिसके चलते जज ने 17 दिसंबर तक का समय दे दिया। अगली सुनवाई में नए नामजद पांच आरोपितों को भी पेश होना होगा।
क्या है मानेसर जमीन घोटाला
मानेसर जमीन घोटाले को लेकर सीबीआई ने हुड्डा सहित 34 के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था।
आरोप है कि अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात लोगों के साथ मिलीभगत कर गुरुग्राम जिले के मानसेर, नौरंगपुर और नखड़ौला आदि गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप है।