भाकियू ने जताई भाजपा की रैली में मरे किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने की आशंका
भाकियू प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी ने 29 अक्टूबर को अंबाला में भाजपा की रैली के दौरान मरे किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने की आशंका जताई है। कहा किसान की स्वाभाविक मौत को हत्या बताकर झूठा मामला दर्ज किया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। अंबाला जिले के नारायणगढ़ में भाजपा की ट्रैक्टर यात्रा के दौरान हुई किसान की मौत का मामला लगातार गरमा रहा है। रैली के आयोजन एवं कुरूक्षेत्र के सांसद नायब सैनी पर पलटवार करते हुए भारतीय किसान यूनियन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी की आशंका जताई और साथ ही आयोजको के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।
भाकियू प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 14 अक्टूबर को नारायणगढ़ में ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस किसान की मौत हुई है, उसे हार्ट अटैक के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद किसान की स्वाभाविक मौत को हत्या बताकर झूठा मामला दर्ज किया गया है।
चढूनी ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के बाद बिसरा जांच के लिए मधुबन भेजा गया, जबकि बिसरा जांच केवल उन लोगों की करवाई जाती है, जिनकी मृत्यु जहर खाने से होती है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी किए जाने की आशंका व्यक्त करते हुए चढूनी ने कहा कि अंबाला जिला प्रशासन द्वारा नायब सैनी के निजी सचिव को रैली के लिए जो मंजूरी दी गई थी, उसमें साफ लिखा गया है कि किसी तरह की जान-माल की क्षति की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। जिला प्रशासन द्वारा नायब सैनी व उनके समर्थकों को जिन शर्तों पर रैली के आयोजन की मंजूरी दी गई थी, उनमें से किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया।
गुरनाम चढूनी ने किसानों पर दर्ज किए मुकदमे वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि अब 29 अक्टूबर को अंबाला जिले की मोहड़ा अनाज मंडी में पूरे प्रदेश के किसान सरकार के विरूद्ध धरना देंगे। किसानों द्वारा कृषि कानूनों के विरोध के साथ-साथ सरकार द्वारा दर्ज किए जा रहे झूठे मुकदमों के विरोध में अपना शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा।