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हरियाणा भाजपा की सह प्रभारी अन्‍नपूर्णा देवी बोलीं- 70 पार का नारा छोड़ेंगे नहीं, हा‍सिल करेंगे लक्ष्‍य

हरियाणा भाजपा की सहप्रभारी अन्‍नपूर्णा देवी का कहना है कि राज्‍य में भाजपा 70 पार का अपना नारा नहीं छोड़गी और इसे हासिल करेगी। उन्‍होंने एक विशेष साक्षात्‍कार में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम मनोहरलाल के कार्यों को गांव-गांव तक पहुंचाना होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 06:32 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 05:59 AM (IST)
हरियाणा भाजपा की सह प्रभारी अन्‍नपूर्णा देवी। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा भाजपा के नए प्रभारी विनोद श्रीधर तावड़े और सह प्रभारी अन्नपूर्णा देवी यादव प्रदेश का पांच दिवसीय दौरा कर वापस दिल्ली लौट गए। इन पांच दिनों की प्राथमिक रिपोर्ट तैयार कर ली गई हैं। पांच दिनों के प्रवास में विनोद तावड़े और अन्नपूर्णा देवी ने सरकार व संगठन के तमाम लोगों से बातचीत की। दोनों सत्ता के शीर्ष नेतृत्व से लेकर धरातल पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं से मिले। अन्‍नपूर्णा देवी का कहना है कि राज्‍य में सरकार और संगठन के बीच अच्‍छा तालमेल है, लेकिन इसे और बेहतर करने की जरूरत है। उन्‍होंने खास बातचीत में कहा, हम पिछले विधानसभा चुनाव में दिए 70 पार को नारा नहीं छोड़ेंगे, इसे अगली बार हासिल करेंगे।

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हरियाणा भाजपा की सह प्रभारी अन्नपूर्णा देवी यादव से दैनिक जागरण की बातचीत

पश्चिम बंगाल में कुछ दिन लगाने के बाद तावड़े इस माह दोबारा अन्नपूर्णा देवी के साथ हरियाणा आएंगे। इन पांच दिनों में सरकार और संगठन से मिले फीडबैक के आधार पर दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल की भाजपा की सह प्रभारी अन्नपूर्णा देवी के साथ बातचीत हुई। पेश है प्रमुख अंश-

- नए प्रभारी के साथ आप हरियाणा भाजपा के तमाम शीर्ष नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिले। कैसा अनुभव रहा? किस तरह का फीडबैक मिला?

- इन पांच दिनों के भीतर हमने पार्टी के सबसे निचले स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता तक से संपर्क साधा। जिलाध्यक्षों व मंडल अध्यक्षों तक पहुंचे। उनकी समस्याएं जानीं। संगठन की सरंचना के बारे में जानकारी हासिल की। यह परिचयात्मक दौरा था। अगली बार आएंगे तो और बातें होंगी।

- श्रीधर तावड़े और आपके बयानों से लग रहा कि आपके पास संगठन व सत्ता के बीच तालमेल का अभाव होने का फीडबैक आया है?

- ऐसा नहीं है। दोनों में अच्छा तालमेल है, लेकिन हम इस तालमेल को और ज्यादा प्रभावशाली तथा गहरा बनाना चाहते हैं। पार्टी हाईकमान का यही संदेश है। सरकार बेहतरीन तरीके से काम कर रही और कार्यकर्ता उसकी नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।

- भाजपा सरकार के मंत्रियों, विधायकों व कार्यकर्ताओं के बीच आपस में समन्वय नहीं होने की रिपोर्ट भी आप तक पहुंची?

- दरअसल, हमने इन पांच दिनों के भीतर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह बता दिया कि संगठन क्या चाहता है। भाजपा कार्यकर्ता 70 सीटों के नारे के पूरा नहीं होने से मायूस थे, लेकिन उन्हें कहा गया कि सरकार की मदद से इतना काम करें कि फिर से हम इस नारे को बुलंद करते हुए इस बार अपना लक्ष्य हासिल कर लें। विपक्ष बिखरा हुआ है। हमें उसका फायदा मिलेगा।

- भाजपा को अमूमन शहरी पार्टी माना जाता है। बरोदा उपचुनाव में गठबंधन की हार हुई। अब निगम चुनाव सिर पर हैं। कैसे देखते हैं?

- हमारी पार्टी ने गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर कार्यकर्ता गांव दर गांव जाने को तैयार बैठे हैं। जहां कहीं कमियां रह गई हैं, उन्हें मिलकर दूर किया जाएगा। रही बरोदा की हार की बात तो पुरानी बातों में जाने का कोई फायदा नहीं। हम उनसे सबक जरूर ले रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं। हमारी मंजिल 70 सीटों के पार की है। भाजपा कार्यकर्ताओं से निगम चुनाव भी पूरी जिम्मेदारी से लड़ने को कहा गया है।

 - भाजपा के संगठनात्मक विस्तार को लेकर पार्टी ने क्या रणनीति बनाई। प्रदेश संगठन का विस्तार कब तक संभव है?

- इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और प्रमुख नेताओं के साथ प्राथमिक बातचीत हुई है। प्रदेश अध्यक्ष सभी की राय से सर्वमान्य कमेटी बनाने की संरचना तैयार कर रहे हैं। जिलों का संगठन बनकर तैयार है। कुछ जिले रह गए हैं, उन्हें आज तक संगठन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है।

- हरियाणा के किसान केंद्र की मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध कर रहे?

- यह सिर्फ पंजाब सरकार का आंदोलन है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह इसे प्रायोजित करा रहे हैं। वहां जल्‍द ही चुनाव हैं। इस आंदोलन में पंजाब के अलावा कोई शामिल नहीं है। मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून किसानों और उनसे जुड़े लोगों से बातचीत कर बनाए हैं। कांट्रेक्ट फार्मिंग में तीन दिन में पैसा नहीं मिलने पर एसडीएम के यहां एक माह के भीतर अपील करने की सुविधा दी गई है। किसानों को यह समझना होगा कि उनका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है और उन्हें इस कानून से कोई नुकसान नहीं होने वाला है।

- भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी के बारे में क्या फीडबैक दिया। उनका अनुभव कैसा रहा?

- कार्यकर्ताओं से हर तरह की बात होती है। सरकार बढ़िया ढंग से चल रही है और जननायक जनता पार्टी हमारी बढ़िया पार्टनर है।

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झारखंड की लोकप्रिय नेत्री हैं अन्नपूर्णा देवी

कभी बिहार के पूर्व मुख्यमंंत्री लालू प्रसाद यादव की बेहद करीबी रहीं अन्नपूर्णा देवी यादव झारखंड की लोकप्रिय नेत्री हैं। जनहित की राजनीति करने वाली अन्नपूर्णा ने वर्ष 1998 में अपने पति और एकीकृत बिहार के मंत्री रहे रमेश प्रसाद यादव के देहावसान के बाद राजनीति में प्रवेश किया था। 1998 में विधानसभा का पहला उपचुनाव लड़ा और फिर वर्ष 2000, 2005 व 2009 में विधायक बनीं।

इससे पहले उनके पति रमेश प्रसाद यादव वर्ष 1990 से 1998 तक कोडरमा के विधायक रहे। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की झारखंड की प्रदेशाध्यक्ष रह चुकी अन्नपूर्णा पिछले साल मार्च में भाजपा में शामिल हो गईं थी। भाजपा ने उन पर खासा भरोसा जताया है। अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से भाजपा की सांसद हैं।

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