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पूर्व हुड्डा सरकार की राह पर चली हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार

हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार भी अब पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार की राह पर चल पड़ी है। मनोहरलाल सरकार भी सेवानिवृत होनेे वाले अफसरों पर दरियादिली दिखा रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 04:07 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 04:07 PM (IST)
पूर्व हुड्डा सरकार की राह पर चली हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार
पूर्व हुड्डा सरकार की राह पर चली हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार भी अपनी पूवर्वती कांग्रेस की पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के नक्शे कदम पर है। रिटायरमेंट के बाद आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की एडजस्टमेंट में गठबंधन सरकार भी पूरी तरह से दरियादिल हो गई है। 30 सितंबर को मुख्य सचिव पद से रिटायरमेंट होने के बाद केशनी आनंद अरोड़ा को नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

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रिटायरमेंट से पहले केशनी आनंद अरोड़ा की एडजस्टमेंट की तैयारी

बुधवार को सरकार ने राइट-टू-सर्विस कमीशन (सेवा का अधिकार आयोग) में मुख्य आयुक्त के पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। संभावना जताई जा रही है कि इस पद पर केशनी आनंद अरोड़ा की ताजपोशी की जा सकती है। पिछली हुड्डा सरकार ने विभिन्न विभागों की नागरिक सेवाओं को समयबद्ध करने के लिए यह आयोग बनाया था।

विभागों में नागरिक सेवाओं को समयबद्ध किया गया और समय पर काम नहीं होने पर आयोग में सुनवाई का प्रावधान किया गया। उस समय मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत हुए एससी चौधरी को आयोग का पहला चीफ कमिश्नर नियुक्त किया था। अप्रैल-2019 में पांच वर्षों के कार्यकाल के बाद चौधरी रिटायर हो गए। तभी से यह पद खाली था, लेकिन अब एकाएक विज्ञापन जारी हुआ तो केशनी आनंद अरोड़ा के इस पद पर नियुक्त होने की संभावना बढ़ गई है।

राइट-टू-सर्विस कमीशन में चीफ कमिश्नर के पद पर नियुक्ति संभव

हुड्डा सरकार में ही सेवानिवृत आइएएस सरबन सिंह, एडवोकेट सुनील कत्याल, डॉ़ अमर सिंह व सेवानिवृत जनरल वीके टांक को आयोग में सदस्य नियुक्त किया गया था। टांक के रिटायर होने के बाद भाजपा सरकार ने पहले कार्यकाल में सेवानिवृत आइएएस हरदीप कुमार को आयोग सदस्य नियुक्त किया। पिछले साल 27 जुलाई को सरबन सिंह, डॉ़ अमर सिंह व सुनील कत्याल भी रिटायर हो गए लेकिन सरकार ने आयोग सदस्यों के पदों को भरा नहीं। चीफ कमिश्नर पोस्ट के लिए भी एक्ट में यह प्रावधान किया गया है कि इस पद पर मुख्य सचिव के पद से रिटायर होने वाले अधिकारी ही लग सकेंगे।

डीएस ढेसी ने भी की थी कोशिश

मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए डीएस ढेसी ने भी भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में राइट टू सर्विस कमिश्न में चीफ कमिश्नर पद के लिए लॉबिंग की थी लेकिन बात नहीं बन सकी। हालांकि सरकार ने उन्हें हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) के चेयरमैन पद पर एडजस्ट किया। माना जा रहा है कि अब मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को इस पद पर नियुक्ति मिल सकती है।

बनी रहेगी गाड़ी-कोठी

राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिश्नर के पास सरकारी गाड़ी और कोठी के अलावा स्टॉफ मिलेगा। इतना ही नहीं, चीफ कमिश्नर पद से रिटायरमेंट के बाद भी लाइफ टाइम के लिए एक चपरासी मिलेगा। ठीक इसी तरह की सुविधाएं राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त को मिलती हैं। वर्तमान में सेवानिवृत आइपीएस यशपाल सिंघल मुख्य सूचना आयुक्त हैं।


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