हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, गणित-विज्ञान बगैर भी आइटीआइ और पॉलिटेक्निक में दाखिला
हरियाणा सरकार ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब आइअीआइ में बगैर विज्ञान और गणित विषय वाले विद्यार्थी भी एडमिशन ले सकेंगे।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) और पॉलिटेक्निक में दाखिले को लेकर चिंतित छात्रों को हरियाण सरकार ने बड़ी राहत दी है। दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित नहीं होने के बावजूद छात्रों को करीब तीन दर्जन उन ट्रेड में भी दाखिला दिया जाएगा, जिनके लिए विज्ञान और गणित जरूरी है। हालांकि दोनों विषयों में पास नहीं होने वाले विद्यार्थियों को बाद में ट्रेड बदलना पड़ेगा।
दसवीं-बारहवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को मिली बड़ी राहत
'हरियाणा आज' कार्यक्रम की कड़ी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल डिजिटल मोड के जरिए छात्रों और शिक्षकों से रूबरू हुए। छात्रों को तीन-एस का मंत्र देते हुए सीएम ने कहा कि स्टे एट होम (घर पर रहो), स्कूल एट होम (घर पर विद्यालय लगाओ) और स्टडी एट होम (घर पर पढ़ो)। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह बेहतरीन अवसर है। 12वीं की बची हुई परीक्षा को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई ) द्वारा गाइडलाइन जारी होने के तुरंत बाद रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने युवाओं को दिया तीन-एस का मंत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम स्कूल आपके घर में ला रहे हैं। हम सभी 25 दिनों से लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं और फिलहाल हमें पढ़ाई के तरीकों को बदलना होगा। बच्चों को घर- घर में मिड-डे मिल दिया जा रहा है। लॉकडाउन खुलने के बाद छात्रों को नई किताबें देंगे।
विद्यार्थियों से पांच रुपये मांगा दान
मुख्यमंत्री मनोहरलाल नेविद्यार्थियों का आह्वान किया कि अपने जेब खर्च से कम से कम पांच रुपये कोरोना रिलीफ फंड में जरूर दान करें। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में आर्थिक मदद देने वालों में 50 फीसद से ज्यादा शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं जो करीब 38 करोड़ रुपये दान कर चुके। निजी स्कूल संचालकों से उन्होंने गुजारिश की कि कोई भी स्कूल किसी बच्चे का एडमिशन न रोके।
उन्होंने कहा कि छात्रों से परिवहन शुल्क न लिया जाए और एक-एक महीने की ट्यूशन फीस लेने का सिस्टम बनाएं। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की फीस माफ कर रहे स्कूलों का आभार जताते हुए सीएम ने कहा कि दूसरे विद्यालयों को भी ऐसे ही कदम उठाने चाहिए।
शिक्षकों से कराई सीधी बात
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने चार शिक्षकों और एक छात्र की युवाओं से सीधी बात कराई। शिक्षिका नम्रता ने बताया कि कैसे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। सफीदों में तैनात जेबीटी शिक्षक रमेश कुमार ने बताया कि कैसे बच्चों को मिड- डे मील उनके घरों तक पहुंचा रहे। इसी तरह जेबीटी शिक्षक सुनील दत्त ने बताया कि छात्रों को किस तरह किताबें मुहैया कराई जा रही हैं।
सिरसा में जीव विज्ञान के प्रोफेसर विवेक गोयल ने बताया कि छात्र ऑनलाइन पढ़ाई में पूरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। कुछ छात्रों ने तो अपने स्मार्टफोन ऐसे विद्यार्थियों को दिए हैं जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल नहीं। सीएम ने इस पर उनकी पीठ थपथपाई। यमुनानगर के छात्र साहिल कंबोज ने आरोग्य सेतु एप की खूबियां बताईं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का पूरा पालन किया जा रहा है।
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