Haryana Cabinet: हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, अब होगा फल, सब्जी और मसालों की फसल का बीमा
Haryana Cabinet Decisions हरियाणा कैबिनेट की बुधवार शाम को बैठक हुई। इसमें फसल बीमा सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। कैबिनेअ ने फैसला किया कि अब राज्य में फलों सब्जियों और मसालों की फसल का भी बीमा कराया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के बागवानी किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करते हुए उनके लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तरह यह योजना काम करेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गेहूं और धान समेत तमाम अधिसूचित फसलें कवर होती हैं। मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में 21 तरह के फल, सब्जियां और मसालों की खेती बीमा कवर के दायरे में आएगी। प्रदेश सरकार की इस योजना से हरियाणा के करीब 10 लाख किसानों को लाभ मिलने की संभावना है।
कैबिनेट बैठक में दी गई मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना को मंजूरी, 10 लाख किसानों को लाभ मिलेगा
हरियाणा मंत्रिमंडल की बुधवार शाम को हुई बैठक में मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। हरियाणा में मुख्य रूप से गेहूं और धान की फसल होती है। प्रदेश सरकार किसानों को धीरे-धीरे नकदी फसलों की तरफ मोड़ रही है। इससे न केवल जल की बचत होती है, बल्कि किसान भी मालामाल हो सकते हैं। इसके बीच बागवानी फसलों के नुकसान की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना में 21 तरह के फल, सब्जियां और मसालों की खेती आएगी बीमा दायरे में
प्रदेश सरकार ने सब्जियों को तो भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर लिया था, लेकिन बागवानी फसलें और मसाले इससे अछूते थे। लिहाजा मुख्यमंत्री ने मसालों, बागवानी फसलों और सब्जियों को बीमा कवर प्रदान करने का अहम निर्णय लिया है। बीमा का सुरक्षा कवच मिलने की वजह से किसान बिना किसी भय के आम, अमरूद, संतरा, लीची, आडू, आलूबुखारा समेत तथा सब्जियों की खेती की तरफ रुख कर सकेंगे।
750 और एक हजार रुपये के प्रीमियम पर 30 से 40 हजार का बीमा
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इस योजना के तहत ओलावृष्टि, पाला, वर्षा, बाढ़ और आग आदि से नुकसान होने पर किसानों की भरपाई की जाएगी। योजना के तहत किसानों को सब्जी एवं मसाला फसलों की 30 हजार रुपये और फलों की फसलों की 40 हजार रुपये की बीमा बीमा राशि के विरूद्घ केवल 2.5 प्रतिशत यानी साढ़े सात सौ रुपये और एक हजार रुपये ही अदा करने होंगे। फसल का नुकसान होने की स्थिति में मुआवजा राशि का दावा सर्वेक्षण और नुकसान की चार श्रेणियों 25, 50, 75 और 100 प्रतिशत की सीमा पर आधारित होगा। यह योजना वैकल्पिक होगी और पूरे राज्य में लागू होगी।
दस करोड़ के बजट से शुरू होगी बीमा योजना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा (एमएफएमबी) पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का पंजीकरण करते समय मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना का विकल्प चुनना होगा। मौसमवार फसल पंजीकरण की अवधि समय-समय पर निर्धारित एवं अधिसूचित की जाती रहेगी। यह योजना व्यक्तिगत क्षेत्र पर लागू की जाएगी अर्थात फसल हानि का आकलन व्यक्तिगत क्षेत्र स्तर पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा इस योजना के शुरुआती क्रियान्वयन के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट रखा जाएगा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाइ) के तहत राज्य और जिला स्तरीय समितियां राज्य एवं जिला स्तर पर निगरानी, समीक्षा और विवादों का समाधान करेंगी।
उच्च जोखिम वाली बागवानी फसलों की खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि बागवानी बीमा योजना किसानों को उच्च जोखिम वाली बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी। बागवानी किसानों को विभिन्न कारकों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है जिनमें फसलों में अचानक बीमारी फैलने, कीटों के संक्त्रमण जैसे जैविक कारण और बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, पाला, अत्यधिक तापमान जैसे अजैविक कारण शामिल हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को इस योजना का लाभ हासिल करने के लिए कृषि विभाग द्वारा राज्य में विशेष मुहिम चलाई जाएगी।