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कैबिनेट मीटिंग में बड़े फैसले- हरियाणा विस का बजट सत्र 5 मार्च से, अंबाला नगर निगम भंग

हरियाणा कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय किए गए। हरियाणा विधानसभा बजट सत्र 5 मार्च से होगा। इसके साथ अंबाला नगर निगम को भंग कर दिया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 03:11 PM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 08:52 PM (IST)
कैबिनेट मीटिंग में बड़े फैसले- हरियाणा विस का बजट सत्र 5 मार्च से, अंबाला नगर निगम भंग
कैबिनेट मीटिंग में बड़े फैसले- हरियाणा विस का बजट सत्र 5 मार्च से, अंबाला नगर निगम भंग

जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्‍यमंत्री मनाेहर लाल की अध्‍क्षता मेंं हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्‍वपूर्ण निर्णय किए गए हैं। इसमें फैसला किया गया कि हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से होगा। कैबिनेट ने मंत्रियों के पैटी ग्रांट (लघु अनुदान राशि) में वृद्धि की है। इसक साथ ही अंबाला नगर निगम को भंग कर दिया गया है।

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शनिवार को दोपहर बाद मनोहरलाल मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें कई अहम फैसले किए गए। मुख्‍यमंत्री बैठक मनोहर लाल की अध्यक्षता में सीएम निवास पर हुई और यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। इसमें छह मंत्री ही हुए शामिल। शनिवार के अवकाश की वजह से अधिकतर मंत्री अपने क्षेत्रों में थे।

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कैबिनेट ने फैसला किया कि हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से चलेगा। विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सत्र की अवधि तय होगी। सभावना है कि बजट सत्र करीब एक पखवाड़े तक चलेगा। इसमें वित्‍तमंत्रीहरियाणा सरकार के मंत्रियों की पैटी ग्रांट में हुई बढ़ोतरी। पहले छह लाख रुपये वार्षिक थी। अब इसे बढ़ाकर २५ लाख रुपये वार्षिक किया गया है। प्रस्ताव इसे 10  लाख रुपये वार्षिक करने का भेजा गया था।

इसके साथ ही कैबिनेट ने अंबाला नगर निगम को भंग करने को मंजूरी दे दी। लेकिन, नोटिफिकेशन जारी होने तक यह फिलहाल बरकरार रहेगा। नगर निगम की जगह अंबाला छावनी व अंबाला शहर अलग-अलग नगर परिषद बनेंगी। कैबिनेट ने अंबाला सदर व अंबाला शहर के क्षत्रों के लिए पूर्व की भांति अलग -अलग नगर परिषद का गठन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। हरियाणा सरकार ने केंद्र के अनुसार पर्यावरण विभाग का नाम बदला। अब यह विभाग पर्यावरण एवं जलवायु विभाग कहलाएगा।

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मंत्रियों की पैटी ग्रांट बढ़ने से उन्हें गरीब और जरूरतमंद लोगों की आर्थिक मदद करने में सहयोग मिलेगा। पैटी ग्रांट का इस्तेमाल छोटे-मोटे कार्यों के लिए जरूरतमंद लोगों के हित में किया जाता है। कोई भी मंत्री किसी को भी अधिकतर 20 हजार रुपये तक अनुदान राशि प्रदान कर सकता है। मंत्री यह राशि जरूरतमंद लोगों के बच्चों की पढ़ाई, सिलाई मशीन, कपड़ों और घर की छोटी-मोटी मरम्मत के लिए प्रदान करते हैैं। मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था कि राशि कम पड़ती है, जिसे बढ़ाया जाए।
 


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