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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा- हरियाणा में हाे रहे घोटालाें पर घोटाले, अब ओवरलोडिंग घोटाले का खुलासा

हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज राज्‍य में घोटालों पर घोटाला हाे रहा है। राज्‍य में अब ओवरलोडिंग घोटाला हो रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 01:56 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 01:56 PM (IST)
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा- हरियाणा में हाे रहे घोटालाें पर घोटाले, अब ओवरलोडिंग घोटाले का खुलासा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा- हरियाणा में हाे रहे घोटालाें पर घोटाले, अब ओवरलोडिंग घोटाले का खुलासा

नई दिल्‍ली, जेएनएन। हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्‍य की भाजपा-जजपा सरकार पर फिर हमला किया है। उन्‍होंने कहा कि हरियाणा में घोटाले पर घोटाला हो रहा है। अब राज्‍य में धान, शराब, रजिस्ट्री घोटाले के बाद ओवरलोडिंग घोटाला हुआ है। यह कितना बड़ा है, इसका किसी को अंदाजा नहीं है। ओवरलोडिंग माफिया तय करता है कि ट्रक मुख्‍य सड़कों से जाएगा या गांव के रास्तों से जाएगा।

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हुड्डा यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। राज्‍य में घोटालों का दौर चल रहा है। एक घोटाले की जांच शुरू होती है तो दूसरा घोटाला शुरू हो जाता है।  राज्य में घोटालों पर घोटाला पर हो रहे हैं। धान, शराब, रजिस्ट्री के घोटाले हुए अब नया घोटाला सामने आया है। उन्‍हाेंने कहा कि छोटे-मोटे अफसरों पर गाज गिराने से कोई हल नहीं होगा।

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने शराब घोटाले की एसआइटी से जांच कराने की बात कही थी, लेकिन जांच एसईटी से कराई गई। एसईटी को कोई पावर नहीं। धान का घोटाला आया तो पहली स्टेटमेट में कहा गया कि कोई घोटाला नहीं हुआ। फिर खरीद से लेकर सरकारी स्टॉक में घोटाला मिला। माइनिंग के लिए यमुना नदी का रास्ता भी बदल दिया गया।  उन्‍होंने शायराना अंदाज में उन्‍होंने कहा- ' अजीब सी हालत हुई है तेरे आने के बाद। शाम तक पुराना हो जाता है सुबह का दर्द।'

हुड्डा ने कहा कि डीजल व पेट्रोल पर दिल्ली सरकार ने भी वेट की दर कम कर दी, लेकिन हरियाणा ने 19 रुपये बढ़ा दी। इससे किसान की खेती पर लागत बढ़ रही है और आमदनी घट रही है। हरियाणा सरकार को भी डीजल और पेट्रोल की कीमतों से वैट की दर कम करनी चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि खिलाड़ियों के साथ भेदभाव अच्छा नहीं है। उन्‍होंने सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर भी हमला किया। उन्‍होंने कहा कि भाजपा विधायक कृष्ण मिढ्ढा कह रहे हैं जींद में चार साल में हर ईंट भ्रष्टाचार से लगी है। भ्रष्टाचार की जांच निष्पक्ष जांच एजेंसी से कराई जाए। यह बेहद गंभीर आरोप है।

उन्‍होंने कहा कि शराब घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जानी चाहिए। हम चाहते हैं कि लोकसभा की संयुक्त संसदीय कमेटी की तर्ज पर ही विधानसभा के सभी दलों की संयुक्त कमेटी बनानी चाहिए। इन सभी घोटालों को यह कमेटी देखे।

हुड्डा ने कहा कि हटाए गए 1983 पीटीआइ परेशान हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मेरिट पर कोई सवाल नहीं उठाया है, सिर्फ तकनीकी आधार पर नौकरी खत्म हुई है। हरियाणा सरकार को संवैधानिक अधिकार के तहत रोजगार देना चाहिए। पीटीआइ शिक्षकों के लिए कांग्रेस विधायक मानसून सत्र में ही निजी विधेयक लेकर आएंगे।

उन्‍होंने कहा कि हरियाणा सरकार कांट्रेक्ट फार्मेंसिंग की जो नीति ला रहे हैं तो इसमें हमारे कुछ सवाल हैं। गुजरात में भी किसानों को यह नीति रास नहीं आई। यह किसानों के हित में नहीं है। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आइ्र तो स्वामीनाथन के सी- टू के तहत किसान को फसल का दाम मिलेगा। यदि इस बाबत मनोहरलाल सरकार अध्यादेश लाएगी तो कांग्रेस साथ देगी। सरकार किसान को फायदा पहुंचाना चाहती है तो स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करे, जिसमें यह है कि किसान की फसल लागत से 50 अधिक मुनाफे पर खरीदी जाए।

उन्‍होंने कहा कि कृषि पर नए अध्यादेश में यह प्रावधान नहीं है कि मंडी से बाहर जो भी खरीदेगा वह एमएसपी के भाव पर खरीदेगा। सरकार को प्रावधान करना चाहिए कि किसान की फसल को जो एमएसपी से कम पर खरीदेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट की चर्चा में कहा कि कांग्रेस के राज्‍य में सत्‍ता में आने पर इसमें हरियाणा के हित मेें जो कुछ बिंदु होंंगे उन्‍हें लागू किया जाएगा। हुड्डा कहा, हम सरकार आने पर बदले की भावना से काम नहीं करेंगे बल्कि हरियाणा के हित में जो होगा उसे लागू किया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि बरोदा उपचुनाव पर भाजपा की रणनीति अब बदलती रहेंगी। पहले सांसद संजय भाटिया काे प्रभारी बनाया और अब कृषि मंत्री जेपी दलाल को प्रभारी बना दिया है। मैंने तो पहले यह भी सुना था कि भाजपा बिजली मंत्री और निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह को प्रभारी बना रही है।

नई शिक्षा नीति पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पहले शिक्षा पर खर्च जीडीपी का 4.43 फीसद खर्च होता था मगर अब 6 फीसद खर्च की बात की गई है। यह अच्छी बात है। मगर नई शिक्षा नीति पर डिजिटल पर जोर दिया गया है। इससे गांव और शहर के छात्रों के बीच दूरी बढ़ेगी। शिक्षा नीति देश की बनी है तो प्रदेशों के स्तर पर भी चर्चा होनी चाहिए थी।


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