किलेबंदी में जुटी भाजपा, कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए अपनाएगी यह रणनीति
हरियाणा की मनोहर लाल सरकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव की पूरी तरह से किलेबंदी में जुट गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार लोकसभा और विधानसभा चुनाव की पूरी तरह से किलेबंदी में जुट गई है। प्रदेश सरकार ने कार्यकर्ताओं को खुश करने की मंशा से करीब छह बोर्ड और निगमों में नई नियुक्तियां करने का निर्णय लिया है। इसके लिए कुछ मौजूदा चेयरमैनों की छुट्टी की जा सकती है। जिन चेयरमैनों को बोर्ड और निगमों में काम करते हुए दो साल का समय हो गया तथा जिनकी परफारमेंस अच्छी नहीं है, उन्हें हटाकर नए चेयरमैन नियुक्त किए जा सकते हैं।
प्रदेश सरकार अभी तक दो चेयरमैनों को हटाकर नई नियुक्तियां कर चुकी है। राज्य में दो दर्जन से अधिक बोर्ड और निगम संचालित हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार उन सभी कार्यकर्ताओं को चेयरमैन बनने का मौका देना चाहती है, जो अभी तक वंचित रह गए हैं और पार्टी के लिए किसी न किसी रूप में कारगर साबित हो सकते हैं। मौजूदा चेयरमैनों को यह फार्मूला समझाया जा रहा है कि वे कुर्सी पर काबिज हो चुके हैं और अब कुछ नए कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए।
चेयरमैनों को हालांकि यही बात कही जा रही कि चुनाव के मद्देनजर यह पार्टी की रणनीति का हिस्सा है, लेकिन ऐसे चेयरमैनों की कुर्सी अब खतरे में पड़ गई, जो सिर्फ चौधराहट के लिए चेयरमैन बने हैं और उन्होंने अपने बोर्ड एवं निगम में अपेक्षित नतीजे नहीं दिए हैं। ऐसे आधा दर्जन चेयरमैन चिन्हित किए जा चुके हैं, जिन्हें पार्टी और सरकार दोनों नमस्ते कह सकती हैं।
भाजपा जातीय समीकरणों के साथ-साथ उन कार्यकर्ताओं को चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाएगी, जिनकी पाकेट वोटों से भरी है। इस कड़ी में उन पार्टी नेताओं का नंबर भी लग सकता है, जो 500 से दो हजार मतों के अंतर से चुनाव हारे थे। हालांकि पार्टी ने उन्हें दोबारा तैयारी करने के संकेत पहले ही दे दिए हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं के काम कराने और इलाके में पैठ मजबूत करने की मंशा से हारे हुए कुछ उम्मीदवारों पर भी पार्टी चेयरमैन बनाने का दांव खेल सकती है। जींद उपचुनाव के आसपास यह नियुक्तियां संभव हैं।