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Baroda Haryana by-election: भाजपा के पहलवान को घेरने के लिए हुड्डा-कूुंडू ने बुना चक्रव्यूह

Baroda Haryana by-election बरोदा उपचुनाव में भाजपा के पहलवान योगेश्वर दत्त को हराने के लिए हुड्डा कपूर नरवाल को बैठाने के लिए प्रयास करते नजर आ रहे हैं। कपूर नरवाल का नामांकन वापस कराने के लिए बलराज कुंडू भी सक्रिय हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 12:35 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 08:36 AM (IST)
Baroda Haryana by-election: भाजपा के पहलवान को घेरने के लिए हुड्डा-कूुंडू ने बुना चक्रव्यूह
भूपेंद्र सिंह हुड्डा, बलराज कुंडू व योगेश्वर दत्त। फाइल फोटो

चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। Baroda Haryana by-election: सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा के पहलवान से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है। भाजपा ने अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त को दूसरी बार चुनावी रण में उतारा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद इंदु नरवाल कांग्रेस का चेहरा हैं। शुरू में हुड्डा चाहते थे कि भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके कपूर नरवाल को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा जाए, लेकिन बात नहीं बनी तो इंदु नरवाल पर दांव खेला गया।

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भाजपा से बागी होकर महम से निर्दलीय चुनाव जीते विधायक बलराज कुंडू ने कपूर नरवाल को पंचायती उम्मीदवार के रूप में पेश करते हुए बरोदा के रण में खड़ा कर दिया था। अब भूपेंद्र हुड्डा उन्हें बैठाने के लिए प्रयास करते नजर आ रहे हैं, ताकि चुनावी रण में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच हो सके। कपूर नरवाल का नामांकन वापस कराने के लिए बलराज कुंडू भी सक्रिय हैं।

उन्होंने सोमवार को एक वीडियो जारी कर कपूर नरवाल से न केवल समर्थन वापस ले लिया, बल्कि उनका नामांकन वापस कराने में सहयोग करने की बात भी कही है। खुद हुड्डा भी कपूर नरवाल को अपनी पार्टी के हक में बैठाने के लिए उनके घर पर हुई पंचायत में बेटे राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा और गोहाना के विधायक जगबीर मलिक के साथ पहुंचे। हुड्डा की कोशिश है कि कपूर नरवाल को कांग्रेस में शामिल कर लिया जाए। इसकी पटकथा तैयार की जा चुकी है, जिसमें बलराज कुंडू भी सहयोग कर रहे हैं। कपूर नरवाल के कांग्रेस में शामिल होने की खबर किसी भी समय आ सकती है।

कांग्रेस की हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष कु. सैैलजा ने भी सोमवार सुबह ही एक ट्वीट कर सत्तारूढ़ भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है। बरोदा के रण में कुल 21 उम्मीदवारों ने नामांकन भरे हैं। सैलजा ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि कांग्रेस की जीत और भाजपा को हराने के लिए सभी निर्दलीय उम्मीदवारों को अपना नामांकन वापस लेना चाहिए। सैलजा की इस अपील का कितना असर होता है, यह सोमवार शाम को पांच बजे तक पता चल जाएगा, क्योंकि नाम वापस लेने का समय आज शाम पांच बजे तक है, लेकिन जिस तरह से हुड्डा और दीपेंद्र ने बरोदा चुनाव की व्यूह रचना तैयार की है, उससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ना तय हैं। इसमें कहीं न कहीं सैलजा भी सहयोग करती नजर आ रही हैं।

कांग्रेस के इंदु नरवाल को टिकट मिलने के पीछे भी एक कहानी है। इंदु नरवाल चुनावी रण में एकदम नया चेहरा हैं। इसका कांग्रेस को यह फायदा हो सकता है कि वह किसी विवाद से जुड़े नहीं हैं। हुड्डा शुरू में चाहते थे कि कपूर नरवाल को कांग्रेस के टिकट पर लड़वाया जाए, लेकिन सैलजा, रणदीप और किरण पूर्व सीएम हुड्डा की इस पसंद पर अड़ गए। मामला प्रियंका गांधी तक पहुंचा तो उन्होंने केसी वेणुगोपाल को निर्देश दिए कि बरोदा चूंकि हुड्डा का गढ़ माना जाता है और यहां हुड्डा की पहली पसंद कपूर नरवाल तथा सैलजा-रणदीप-किरण की पसंद गायत्री हुड्डा के नाम पर सहमति नहीं बन रही तो हुड्डा से दूसरा नाम लिया जाना चाहिे, जिसके बाद दीपेंद्र हुड्डा ने इंदु नरवाल का नाम आगे किया। इंदु नरवाल दीपेंद्र की खास पसंद हैं और उन्होंने इस सीट को अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल भी बना रखा है।

भाजपा-जजपा नेताओं की प्रतिष्ठा लगी दांव पर

बरोदा के रण में अब भाजपा-जजपा गठबंधन के उम्मीदवार पहलवान योगेश्वर दत्त के साथ-साथ दोनों दलों के नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। कांग्रेस द्वारा बनाए जा रहे चक्रव्यूह को भेदने के लिए भाजपा व जजपा की टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इसके लिए भाजपा के पास मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और केंद्रीय मंत्रियों की बड़ी फौज है।

जाट नेता के रूप में जजपा के पास अजय सिंह चौटाला, दुष्यंत चौटाला व निर्दलीय रणजीत सिंह चौटाला हैं, जबकि भाजपा के जाट चेहरे ओमप्रकाश धनखड़, बीरेंद्र सिंह, धर्मवीर, कैप्टन अभिमन्यु, बृजेंद्र सिंह, कमलेश ढांडा, जेपी दलाल, सुभाष बराला और महीपाल ढांडा हैं। इनेलो ने बरोदा से जोगेंद्र मलिक को दूसरी बार टिकट दिया है। ओमप्रकाश चौटाला यहां 23 अक्टूबर से चुनाव प्रचार आरंभ करने वाले हैं। ऐसे में यदि भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हुआ तो इनेलो उम्मीदवार की भूमिका पर भी सबकी निगाह टिकी रहेगी।


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