कोरोना की जांच कर रही एसआरएल लैब पर प्रतिबंध, सभी सैंपलों के टेस्ट दोबारा हाेंगे
हरियाणा में कोरोना की जांच एसआरएल लैब में कराने पर रोक लगा दी गई है। इस लैब में अब तक हुए सैंपलों की दोबारा जांच कराई जाएगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने कोरोना का टेस्ट करने वाली प्राइवेट लैब एसआरएल पर प्रतिबंध लगा दिया है। एसआरएल की जांच रिपोर्ट में चार केस पाजिटिव आने तथा वही चारों केस सरकारी लैब में नेगेटिव पाए जाने पर हरियाणा सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। एसआरएल ने अभी तक जितने भी टेस्ट किए हैं, वह दोबारा दूसरी लैब में कराए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को एसआरएल लैब के विरुद्ध जांच कर पूरी रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
अंबाला की एएनएम की जांच रिपोर्ट पाजिटिव करार दी थी, लेकिन दो लैब ने नेगेटिव बताया
एसआरएल लैब के विरुद्ध जांच रिपोर्ट आने तक उसे कोई टेस्ट जांच के लिए नहीं भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार अब यह डाटा जुटाने में लगी है कि एसआरएल लैब में कितने टेस्ट हुए, ताकि उन्हें दूसरी लैब में फिर से कराया जा सके। एक टेस्ट की कीमत 4500 रुपये है। यदि प्रदेश सरकार की ओर से टेस्ट होना है तो इस राशि का भुगतान सरकार करती है और यदि प्राइवेट स्तर पर जांच कराई गई है तो संबंधित मरीज को भुगतान करना होता है।
शहजादपुर के तीन मामलों में पाजिटिव जांच रिपोर्ट दी, मगर दूसरी लैब में रिपोर्ट नेगेटिव मिली
हरियाणा में इस समय आठ लैब काम कर रही हैं, जिनमें चार लैब सरकारी हैं। आइसीएमआर ने पांच प्राइवेट लैब को कोरोना टेस्ट करने की इजाजत दी है। इनमें एसआरएल लैब भी शामिल है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अनुसार एसआरएल लैब में हुई जांच में अंबाला की एएनएम पाजिटिव बताई गई। इसके बाद सभी में हड़कंप मच गया। शक होने पर जब यह जांच कल्पना चावला मेडिकल कालेज करनाल और खानपुर कलां मेडिकल कालेज में कराई गई तो दोनों रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसी तरह शहजादपुर में तीन जांच रिपोर्ट एसआरएल लैब ने पाजिटिव डिक्लेयर की, जबकि यह तीनों भी दूसरी जगह नेगेटिव पाई गई।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एसीएस को दिए जांच के आदेश, मुकदमा दर्ज करने की तैयारी
अनिल विज ने बताया कि एएनएम की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसके घर और कालोनी में घी के दीपक जलाए गए, जबकि करनाल के एक युवक ने आत्महत्या कर ली, हालांकि बाद में इस युवक की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी। यह बेहद संवेदनशील मामला है। प्राथमिक तौर पर हमें लगता है कि एसआरएल में जांच ठीक से नहीं हो रही है। इसलिए अतिरिक्त मुख्य सचिव को आदेश दिए गए हैं कि इस बात की तहकीकात की जाए कि एसआरएल लैब से अब तक कितने टेस्ट हुए हैं और उन सबके दोबारा दूसरी लैब में टेस्ट कराए जाएं।
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आती, तब तक कोई भी नया टेस्ट एसआरएल लैब को नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि लैब की कोई गलती निकलती है तो उसके विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज कर उसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब कोरोना के एक्टिव केस 134 हैं । अब तक प्रदेश में 115 व्यक्ति ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में हर रोज करीब दो हजार से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं।
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