Ayodhya Bhumi Pujan News: श्रीराम मंदिर शिलान्यास के लिए हरियाणा ने भेजी सरस्वती की मिट्टी और जल
Ayodhya Bhumi Pujan News अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए हरियाणा से सरस्वती नदी का जल और मिट्टी भेजी गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। Ayodhya Bhumi Pujan News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के लिए हरियाणा से सरस्वती नदी का जल और मिट्टी भेजी गई है। हरियाणा सरकार ने स्वामी ज्ञानानंद जी के माध्यम से यह मिट्टी एवं जल भिजवाया है। इसका प्रयोग श्रीराम के मंदिर शिलान्यास में होगा।
पंचकूला में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्षों पुरानी समस्या का हल कोर्ट के माध्यम से निकला और अब यह सर्वमान्य हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय देगी, वह सब मानेंगे। रामजन्म भूमि न्यास राम निर्माण समिति का कार्यक्रम है। कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है। उसमें सबकी भागीदारी आवश्यक नहीं है। शारीरिक दूरी के चलते बहुत कम लोग वहां जाएंगे। केवल 200 से 250 लोग ही शिलान्यास कार्यक्रम में रहेंगे।
वृंदावन पहुंचे गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज
आदि बद्री (हरियाणा के यमुनानगर जिला में स्थित वन क्षेत्र) में पवित्र सरस्वती उद्गगम स्थल और दिल्ली के गुरुद्वारा शीशगंज साहिब प्रांगण से ली माटी से अयोध्या में श्रीराम मंदिर शिलान्यास पूजन होगा। मंदिर की नींव में कैलास मानसरोवर, कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर सहित सिंधु और यमुना नदी का जल भी अर्पित होगा। लेह-लद्दाख से लेकर हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली के बड़े धाॢमक स्थलों से माटी और जलस्रोतों से एकत्रित रज और जल अयोध्या तक पहुंचाने का जिम्मा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज को सौंपा था। ज्ञानानंद महाराज विभिन्न धार्मिक स्थलों की माटी और पवित्र नदियों का जल लेकर सोमवार सायं ब्रज नगरी वृंदावन पहुंच गए। वहां वे उत्तर भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों से एकत्रित माटी में ब्रज रज का समावेश कर मंगलवार सुबह अयोध्या के लिए जाएंगे।
हनुमानजी की प्रसन्नता को रामकाज में जाएगी गिर्राज पर्वत की प्रतीकात्मक शिला
धार्मिक स्थलों की माटी में गोवर्धन स्थित गिर्राज महाराज की परिक्रमा क्षेत्र से भी रज का समावेश किया गया है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज बताते हैं कि गोवर्धन पर्वत और हनुमानजी के बीच पौराणिक प्रसंग है। रामसेतु निर्माण में जो शिला इस्तेमाल हुईं, उन्हीं का एक रूप गिरिराज पर्वत है। इसलिए रामकाज में गिरिराज पर्वत के आंगन से एक छोटी प्रतीकात्मक शिला भी ले जाई जा रही है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज का कहना है कि जब रामकाज में गिरिराज पर्वत का समावेश होगा तो हनुमानजी प्रसन्न होंगे और हनुमानजी की प्रसन्नता में भगवान श्रीराम की प्रसन्न्ता निहित है।
जैन समाज के लोगों ने भी अपने पवित्र स्थलों की माटी भेंट की
स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज का कहना है कि श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर के शिलान्यास अवसर पर पूजन के लिए हमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में अनेक धार्मिक स्थलों से माटी मिली है इस माटी में ब्रज रज का समावेश कर अयोध्या तक शिलान्यास से पहले लेकर हम स्वयं जा रहे हैं। महाभारतकालीन ऋषि पाराशर तीर्थ ही नहीं हमें जैन समाज के लोगों ने भी अपने पवित्र स्थलों की माटी भेंट की है। हमने सभी पवित्र स्थलों से एकत्र रज में ब्रज रज का समावेश किया है। श्री राम के मंदिर में खासतौर पर गिर्राज महाराज परिक्रमा क्षेत्र से भी रज और एक प्रतीकात्मक शिला ले जाई जा रही है।
अलवर और रोहतक की देवरज लेकर अयोध्या रवाना हुए बाबा बालकनाथ
श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर के शिलान्यास अवसर पर पूजन के लिए रोहतक के धार्मिक स्थलों के साथ -साथ राजस्थान के धार्मिक स्थल अलवर की देवरज (पवित्र मिट्टी) भी पहुंचाई जाएगी। सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ मठ के महंत एवं अलवर के सांसद बाबा बालकनाथ योगी ने सोमवार को देवरज और जल लेकर अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने ब्रज नगरी वृंदावन पहुंच कर गीता मनीषी कुरुक्षेत्र के संचालक स्वामी ज्ञानानंद महाराज से भी मुलाकात की।
रोहतक में विभिन्न पवित्र स्थलों से एकत्रित देवरज का पूजन रविवार सांय को अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ परिसर में किया गया। साधुु-संतों की अगुवाई में धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों, नेताओं व समाजसेवियों ने बाबा मस्तनाथ मठ में विधि-विधान से किए गए देवरज पूजन में भाग लिया। देवरज पूजन के बाद सभी साधु-संतों ने बाबा मस्तनाथ मठ की समाधि पर जाकर मत्था टेका और मंगलकामना की।
महंत बालकनाथ योगी ने कहा कि अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा। 500 वर्षाें से वहां पर श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए संकल्प किया जा रहा था, जो अब पूरा होने जा रहा है। विश्व में रामराज स्थापित करने या उनके आदर्शों पर विश्व को चलने की कामना करते हुए श्रीराम मंदिर निर्माण किया जाएगा। सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ मठ, गोकर्ण तीर्थ स्थल, बाबा बालकपुरी धाम सहित रोहतक के सभी तीर्थ स्थलों के अलावा बाबा भर्तहरि की तपोभूमि राजस्थान के अलवर से देवराज यहां मठ परिसर में लाई गई थी।