एक और तबादले से Ashok Khemka नाराज, भ्रष्टाचार पर CM से मांगी PM को पत्र लिखने की इजाजत
वरिष्ठ IAS अफसर अशोक खेमका (Ashok Khemka) ने एक बार फिर अपने तबादलों को लेकर नाराजगी जताई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा कैडर के वरिष्ठ IAS अफसर अशोक खेमका (Ashok Khemka) ने एक बार फिर अपने तबादलों को लेकर नाराजगी जताई है। इस संबंध में उन्होंने सीएम मनोहर लाल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने प्रदेश में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की सहमति मांगी है। खेमका का दावा है कि उनके कई तबादले जनहित में नहीं थे, जिनको लेकर खेमका ने सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि खेमका का 53वीं बार तबादला बीते नवंबर माह में हुआ था। हरियाणा सरकार ने 1991 बैच के IAS अशोक खेमका को इस बार अभिलेख, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभागों का प्रधान सचिव बनाया है। इससे पहले इसी साल मार्च में खेमका का तबादला करते हुए उन्हें विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। बता दें कि खेमका का करीब 27 साल के करियर में 53 बार तबादला हो चुका है।
विवादों से पुराना नाता
गुरुग्राम में कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की जमीन सौदे से जुड़ी जांच के कारण अशोक खेमका सुर्खियों में रहे। खेमका जिस भी विभाग में जाते हैं, वहीं घपले-घोटाले उजागर करते हैं, इसके कारण उन्हें अकसर तबादला झेलना पड़ता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में भी बतौर व्हिसल ब्लोअर कई घोटालों का खुलासा कर चुके हैं। नवंबर 2014 में तत्कालीन हुड्डा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के लैंड डील से जुड़े खुलासे के बाद खेमका का तबादला परिवहन विभाग में कर दिया था जिस पर सवाल उठे थे।
बाद में परिवहन विभाग में भी विवाद उठा तो खेमका को इस महकमे से भी हटा दिया गया। मनोहर सरकार में पिछले साल मुख्य सचिव ने खेमका की एसीआर में 10 में से 8.22 नंबर दिए जिसे खेल मंत्री अनिल विज ने बढ़ाकर 9.92 कर दिया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नंबर काट कर फिर नौ कर दिए तो खेमका पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गए थे।
हुड्डा सरकार में सबसे अधिक बार तबादला
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में खेमका को 22 तबादले झेलने पड़े थे। पिछली मनोहर सरकार में भी छह बार खेमका के महकमे बदले गए, जबकि मौजूदा गठबंधन सरकार के कार्यभार संभालने के एक महीने के बाद खेमका को एक बार फिर तबादला झेलना पड़ा।
प्रदीप कासनी ने झेले थे 70 तबादले
अभी तक सर्वाधिक तबादले झेलने वाले अधिकारियों की बात करें तो इसमें टॉप पर प्रदीप कासनी हैं। कासनी फरवरी 2018 में सेवानिवृत्त हुए। उनका सेवानिवृत्ति से पहले 70 बार तबादला हुआ था।
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