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सरकारी विभागों में अब Army व Paramilitary Forces को मिलेगा Special treatment, सबसे पहले होगा काम

सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों व परिजनों के लिए सभी दफ्तरों में अलग से सेवा काउंटर बनेंगे। रक्षा मंत्रालय की चिट्ठी पर प्रदेश सरकार ने एक्शन लिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 07:00 AM (IST)
सरकारी विभागों में अब Army व Paramilitary Forces को मिलेगा Special treatment, सबसे पहले होगा काम
सरकारी विभागों में अब Army व Paramilitary Forces को मिलेगा Special treatment, सबसे पहले होगा काम

चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। सरकारी महकमों में काम के लिए पहुंचने वाले सेना या अर्धसैनिक बलों में तैनात जवानों और उनके परिजनों को अब धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। सभी सरकारी विभागों और कार्यालयों में सैनिक परिवारों को विशेष सम्मान मिलेगा। दफ्तरों में उनके लिए अलग से सेवा काउंटर बनाए जाएंगे। इसके अलावा हर कार्यालय में एक विशेष जनप्रतिनिधि तैनात किया जाएगा जो न केवल फौजियों की मदद करेगा, बल्कि अशिक्षित लोगों के भी काम निपटाने में सहायक होगा।

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मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्त, उपायुक्त और एसडीएम को लिखित आदेश जारी किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने प्रदेश सरकार को चिट्ठी लिखी थी कि अपने घर-परिवार से हजारों किलोमीटर दूर थल सेना, नौसेना, वायु सेना, बीएसएफ, आइटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान विषम परिस्थितियों में जान की परवाह न करते हुए देश की सेवा और सुरक्षा में लगे रहते हैं। इनमें रिटायर्ड जवान और अफसर भी शामिल हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि फौजियों उनके परिजनों की अच्छी तरह देखभाल करें। चूंकि सेना के जवानों को साल में सीमित समय के लिए ही घर जाकर लंबित काम-काज देखने का मौका मिलता है, लेकिन कई बार उनकी छुट्टियां सरकारी दफ्तरों में कोई काम कराने में ही गुजर जाती हैं।

रक्षा मंत्रालय की चिट्ठी पर एक्शन लेते हुए प्रदेश सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि जब भी कोई सैनिक-पूर्व सैनिक या उनके परिवार का कोई सदस्य कार्यालय में आता है तो उसके साथ स्नेह एवं सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हुए उनके कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी कर्मचारी और अधिकारी इनके कार्यों को तुरंत निपटाएं। इससे सेना और अर्धसैनिक बलों के जवान अपनी घरेलू समस्याओं से वंचित होकर न केवल अपने कार्य को भलीभांति कर सकेंगे, बल्कि और अधिक बुलंद हौसले के साथ देश की सेवा में तत्पर रहेंगे।

...तो अर्धसैनिकों को भी मिलेंगी फौजियों के समान सुविधाएं

प्रदेश में अर्धसैनिकों को भी अब फौजियों के समान सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए दूसरे राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन कराया जा रहा है। वर्तमान में सेना के मौजूदा व पूर्व जवानों के मुकाबले अर्धसैनिक बलों को मिलने वाली सुविधाओं में खासा अंतर है। पैरामिलिट्री फोर्स के जवान कई बार सरकार से इस खाई को पाटने की गुहार लगा चुके हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहली पारी में ही सैनिक व अर्धसैनिकों के लिए अलग से विभाग का गठन कर दिया था जिसे पॉलिसी में आवश्यक सुझावों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा उन सभी विभागों की जानकारी मांगी गई है जहां पूर्व सैनिकों और अर्धसैनिकों को रिटायरमेंट के बाद एडजस्ट किया जा सकता है।

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