Private schools की Annual audit report तलब, 8600 स्कूलों को देना होगा कमाई का हिसाब
Annual audit report देने से बचते रहे प्राइवेट स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने शिकंजा कस दिया है। मान्यता प्राप्त 8600 प्राइवेट स्कूलों से 31 दिसंबर तक report तलब की गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। सरकार को ऑडिट रिपोर्ट देने से बचते रहे प्राइवेट स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने शिकंजा कस दिया है। मान्यता प्राप्त 8600 प्राइवेट स्कूलों से 31 दिसंबर तक फार्म नंबर छह के साथ सालाना ऑडिट रिपोर्ट (Annual audit report) तलब की गई है। स्कूलों से ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं करा पाने अफसरों को विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
स्कूल शिक्षा निदेशालय (Directorate of school education) ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किया है। शिक्षा निदेशालय में फार्म नंबर छह जमा कराए बगैर कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएगा। अभी तक अधिकतर प्राइवेट स्कूल शिक्षा निदेशालय को फार्म छह नहीं भेज रहे थे। शिक्षा निदेशालय पर भी इसकी कोई नियमित मॉनिटरिंग नहीं की जाती थी।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने 16 दिसंबर को मौलिक शिक्षा निदेशालय के समक्ष शिकायत की थी कि प्राइवेट स्कूल ऑडिट रिपोर्ट क्यों नहीं जमा कराते। इस पर शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर करते हुए फार्म छह के साथ ऑडिट रिपोर्ट भिजवाना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
यह है नियम
प्रदेश सरकार ने वर्ष 1995 में नियम बनाया था जिसके मुताबिक प्राइवेट स्कूलों को हर साल फार्म नंबर छह के साथ हर साल अपनी ऑडिट रिपोर्ट देनी होती है। इसके बावजूद कोई प्राइवेट स्कूल बैलेंस सीट जमा नहीं कराता और मनमर्जी से सालाना फीस बढ़ाई जाती है। फार्म नंबर छह व बैलेंस सीट उपलब्ध कराने के बाद शिक्षा निदेशालय ही निर्णय लेगा कि स्कूल में फीस बढ़ाना जरूरी है या नहीं।
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