Move to Jagran APP

जीवट के मंत्री : चंडीगढ़ PGI से हरियाणा के छह विभागाें का कामकाज चला रहे अनिल विज, राेज निपटाते हैं 300 फाइलें

जीवट के धनी हरियाणा के स्‍वास्‍थ्‍य एवं गृह सहित छह विभागों के मंत्री अनिल विज बीमार हैं और चंडीगढ़ पीजीआइ में भर्ती हैं लेकिन उनका कामकाज पूरी तरह जारी है। वह पीजीआइ से अपने सभी विभागों का कामकाज चला रहे हैं। वह राेज 300 फाइलें निपटा रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 08:12 AM (IST)
जीवट के मंत्री : चंडीगढ़ PGI से हरियाणा के छह विभागाें का कामकाज चला रहे  अनिल विज, राेज निपटाते हैं 300 फाइलें
चंडीगढ़ पीजीआइ में कामकाज निपटाते हुए अनिल विज। (जागरण)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के वरिष्‍ठ मंत्री अनिल विज जीवटता के धनी हैं। कोरोना को मात देने के बाद उनका स्‍वास्‍थ्‍य फिर खराब है और व‍ह आक्‍सीजन स्‍तर गिरने के कारण चंडीगए़ पीजीआइ में भर्ती हैं। इसके बावजूद उनके जज्‍बे में थोड़ी सी भी कमी नजर नहीं आती है। राज्‍य के गृह, स्वास्थ्य, शहरी निकाय और आयुष मंत्री सहित छह विभागों के मंत्री अनिल विज पीजीआइ से ही कामकाज चला रहे हैं। वह अस्‍पताल से ही राेज औसतन 300 फाइलें निपटाते हैं।

loksabha election banner

विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले विज का आक्सीजन लेवल कम हो गया था, जिस कारण उपचार के लिए उन्हें पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती कराना पड़ा। अब आक्सीजन लेवल तो ठीक हो चुका है, लेकिन विज के फेफड़ों में सूजन आ गई है। विज अगले दो से तीन दिनों तक डाक्टरों की निगरानी में रहेंगे। सूजन कम होने की स्थिति में विज को इस शर्त के साथ पीजीआइ से छुट्टी दी जाएगी कि वह घर पर कुछ दिन आराम करेंगे। लेकिन विज से बातचीत के बाद ऐसा महसूस नहीं होता कि वह आराम करने वाले हैं।

चंडीगढ़ पीजीआइ में अधिकारियों से बात करते हरियाणा के गृह एव स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज।

 हर रोज तीन सौ फाइलें निपटा रहे, काम करने के लिहाज से अफसरों के सामने रोल माडल बन रहे मंत्री विज

अनिल विज के पास छह विभाग हैं। मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्स और टेक्नीकल एजुकेशन व विज्ञान और तकनीक विभागों के मंत्री भी अनिल विज हैं। डाक्टरों की सलाह के बावजूद विज थम नहीं रहे हैं। वह पीजीआइ में रहते हुए भी अपने मंत्रालयों का कामकाज देख रहे हैं। विज के नाक में आक्सीजन पाइप लगा हुआ है। इसके बावजूद विज हर रोज कम से कम300 फाइलें निकाल रहे हैं। विज का कहना हैं कि फाइलें सरकार होती हैं। अगर फाइल रुक गई तो समझो सरकार रुक गई। अगर वह अस्वस्थ हैं तो इसका असर सरकारी कामकाज तथा जनता से जुड़े मुद्दों पर नहीं पड़ना चाहिये।

अनिल विज के अनुसार मेरी अधिकारियों के साथ कोई लड़ाई नहीं, मैं काम कर सकता हूं तो अफसर क्यों नहीं

इसके साथ ही विज कहते हैं, 'मेरी किसी अधिकारी से कोई लड़ाई नहीं है। मैं यह सोच रखता हूं कि अस्वस्थ होते हुए जब मैं काम कर सकता हूं तो अधिकारी स्वस्थ होते हुए भी क्यों नहीं काम कर सकते। कई ऐसे केस मेरे सामने आए हैं, जिनमें फाइलें एक-एक साल तक लटकाकर रखी जाती हैं। मुझे फाइलें लंबित रखना पसंद नहीं है। उन्हें लटकाने की बजाय तुरंत फैसला होना चाहिए।'

चंडीगढ़ पीजआइ में कामकाज निपटाते हरियाणा के गृह एवं स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अनिल विज। (जागरण)

अनिल विज पीजीआइ में सुबह छह बजे उठ जाते हैं। इंटरनेट मीडिया के जरिये सभी पेपर पढ़ते हैं। जरूरी कटिंग और लिंक इंटरनेट मीडिया पर शेयर करते हैं। सुबह नौ बजे नाश्ता करने के बाद अपने विभाग के सरकारी सचिवों को पीजीआइ बुला लेते हैं। हर फाइल को संजीदगी के साथ पढ़ने के बाद उस पर आर्डर जारी करते हैं। दिन में मामूली फ्रूट और चाय-बिस्किट के अलावा विज कुछ नहीं लेते। रात को सीधे खाना खाते हैं और साढ़े 11 बजे के आसपास सो जाते हैं।

वह दिन में उन्हें मिलने-जुलने आने वालों का तांता लगा रहता है। उनकी सलामती की प्रार्थना में अंबाला जिले में हवन हो रहे हैं। शुक्रवार को विज ने प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार वीके पाल के साथ भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा तीसरी लहर से बचाव के लिए किए जा रहे बंदोबस्त की जानकारी दी। पाल पीजीआइ से ही कान्फ्रेंस करने पर इतने प्रभावित हुए कि बाद में उनका फोन आया और इस जज्बे की सराहना की।

डाक्टरों ने हालांकि किसी भी तरह के संक्रमण से बचाव के लिए विज को लोगों से अधिक नहीं मिलने की सलाह दी है, लेकिन मिलने वालों का सिलसिला थमता नहीं है। जो आता है, दुआओं के फूल बरसाता है। पेपर लीकेज पर विधानसभा में विपक्ष के हल्ला मचाने से जुड़े सवाल पर अनिल विज का कहना है कि मैंने सारी कार्यवाही टीवी पर देखी है। विपक्ष का शोर मचाना जायज नहीं है, क्योंकि मैंने पहले ही मुख्यमंत्री को पेपर लीक मामलों की सीबीआइ जांच के लिए पत्र लिखा हुआ है। मुझे उम्मीद है कि मेरे पत्र पर सरकार कोई न कोई मजबूत फैसला जरूर लेगी। नए पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल की कार्यप्रणाली से जुड़े सवाल पर विज ने कहा कि मेरी उनके साथ कई मसलों पर चर्चा हुई है। मैंने उन्हें सरकार का लाइन आफ एक्शन डीजीपी को बता दिया है।

सीएम के साथ हेलीकाप्टर में आए तो चंडीगढ़ उतरते ही खराब हुई तबीयत

गृह मंत्री अनिल विज की तबीयत तब खराब हुई थी, जब वह रोहतक से मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हेलीकाप्टर में आए थे। विज वहां मुख्यमंत्री के भाई गुलशन कुमार खट्टर के देहावसान पर शोक जताने गए थे। जब वापस आने लगे तो मुख्यमंत्री ने अपने साथ हेलीकाप्टर में चलने का आग्रह किया। हेलीकाप्टर से चंडीगढ़ उतरते ही उनकी तबीयत खराब हो गई, क्योंकि आक्सीजन के लिए फेफड़ों को ज्यादा काम करना पड़ गया। उस समय हालांकि कई डाक्टर रोहतक में मौजूद थे, लेकिन किसी ने विज को यह सलाह नहीं दी कि हवाई यात्रा उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।

एक महीने तक आक्सीजन लगाकर दफ्तर आते रहे विज

अनिल विज पीजीआइ चंडीगढ़ से पहले दो बार उपचाराधीन रह चुके हैं। कोरोना होने पर उन्हें पहले पीजीआइ रोहतक और उसके बाद मेदांता अस्पताल गुरुग्राम में भर्ती कराया गया था। करीब एक महीने तक आक्सीजन पाइप के साथ अनिल विज अपने कार्यालय में आते रहे। एक बार तो वह विधानसभा भी पाइप के साथ आए थे।

विज ने ट्वीट कर कहा है कि लोग मुझे कहते हैं कि आप काम क्यों करते हैं, लेकिन मैं अफसरों को कहता हूं कि आप क्यों नहीं करते हैं। उन्होंने मेदांता में उपचाराधीन रहने की अवधि का जिक्र करते हुए बताया कि तब डाक्टरों ने कह दिया था कि उनके सर्वाइव करने के मात्र दस फीसद चांस हैं। डाक्टर मुझे बेड से नहीं उतरने देते थे, लेकिन मैंने उन्हें कहा कि मुझे एक सोफा ला दो और टीवी लगा दो। मैंने टीवी देखा और तमाम पिक्चरें देखी। स्वस्थ हो गया। चंडीगढ़ पीजीआइ में भी डाक्टरों की टीम मेरा ठीक उपचार कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.