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बिचौलियों को दरकिनार कर किसान के खेत से सीधे खरीदी जाएगी हर प्रकार की फसल

हरियाणा सरकार किसानों की फसल सीधे खेतों से खरीदेगी। इसमें बिचाैलियों को दरकिनार किया जाएगा। फसल की खरीद बाजार भाव पर की जाएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 04:24 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 04:24 PM (IST)
बिचौलियों को दरकिनार कर किसान के खेत से सीधे खरीदी जाएगी हर प्रकार की फसल
बिचौलियों को दरकिनार कर किसान के खेत से सीधे खरीदी जाएगी हर प्रकार की फसल

नई दिल्ली, जेएनएन। हरियाणा देश में ऐसा पहला राज्य होगा, जिसके किसान के खेत में होने वाली हर प्रकार की पैदावार को बाजार भाव पर खरीदा जाएगा। राज्य सरकार की सहयोगी सहकारी संस्था के रूप में नवगठित हरियाणा मल्टीपर्पज सहकारी फेडरेशन (हमको) किसान के खेत से उसकी पैदावार लेकर बिक्री करेगा। इसके लिए 'हमको' ने जमीनी स्तर पर समितियों के गठन का खाका तैयार किया है।

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फसल खरीदने के लिए हरियाणा मल्टीपर्पज सहकारी फेडरेशन की समितियों की रहेगी जिम्मेदार

राज्य में न्यूनतम 200 सदस्यों की कुल 14 हजार सहकारी समितियां गठित की जाएंगी। सभी समितियों का एक अपना आउटलेट होगा। इसमें न केवल किसान से खेत से आई ताजी सब्जी, फल, फूल, डेयरी प्रोडेक्ट से लेकर अन्य खाद्यान्न भी बिकेंगे। इसके अलावा किसान की पैदावार को खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाए जा रहे तीन से पांच गांवों के कलस्टर पर ये सहकारी समितियां माइक्रो फूड इंटरप्राइज (एफएमई) भी खड़ी करेंगी।

राज्य में सहकारी फेडरेशन न्यूनतम 200 सदस्यों की 14 हजार समितियों का करेगा गठन

इसके लिए समितियों का पहला फोकस रहेगा कि एफएमई में किसान भी साझेदार रहे मगर यदि किसान साझेदार नहीं होगा तब भी समितियों के तत्वावधान में एफएमई बनेंगी। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान जो आॢथक पैकेज घोषित किया था इसमें दस हजार करोड़ रुपये की योजना थी। इसके तहत हरियाणा सरकार पहले ही कह चुकी है कि किसान की आमदनी दोगुनी करने के लिए कृषि आधारित खाद्यान्नों अथवा फल, सब्जी पर आधारित छोटी इकाई खेत में खोली जाएंगी।

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'' हमको का उद्देश्य है कि किसान को उसकी पैदावार का बाजार भाव मिले। इसके लिए हमको के तहत बनी समितियां किसान की पैदावार को खेत से बाजार भाव पर खरीदकर उपभोक्ताओं की जरूरत का सामान भी बनाएंगी। समितियों को पहले चरण में रसोई में काम आने वाली वस्तुओं के निर्माण पर फोकस रहने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली सहित एनसीआर के शहरों में आर्गेनिक खाद्यान्न की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसे भी हमको खेत से सीधे उपभोक्ताओं के घरों तक भिजवाने की व्यवस्था बनाने पर काम कर रही है।

                                                    - हुकम चंद भाटी, चेयरमैन, हरियाणा मल्टीपर्पज सहकारी फेडरेशन।

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'' प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। हरियाणा सरकार इस दिशा में जमीनी स्तर पर काम कर रही है। हरियाणा मल्टीपर्पज सहकारी फेडरेशन से लेकर कृषि विभाग ने भी ऐसी अनेक योजनाएं तैयार की हैं जिनसे किसान की पैदावार बाजार भाव पर बिके। हमने तीन से पांच गांवों का कलस्टर बनाकर एक जैसी पैदावार को खरीदने के लिए मंडी बनाने की भी छूट दी हुई है। इस तरह की मंडी विकसित करने का उद्देश्य यह भी है कि इनमें जाकर छोटे दुकानदार और उपभोक्ता भी लाभांवित हो सकता है। खेत से सीधे उपभोक्ता के हाथ में किसान की पैदावार दिलाने का उद्देश्य यह भी है कि किसान और उपभोक्ताओं के बीच बिचौलियों की भूमिका नहीं के बराबर रहे।

                                                                                             - जयप्रकाश दलाल, कृषि मंत्री, हरियाणा।

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