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हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में कहा-सभी किसानों को छोड़ दिया, याचिका खारिज हो

हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट राज्‍य में गिरफ्तारी को लेकर दायर याचिका को रद करने की मांग की। हरियाणा सरकार ने कहा कि राज्‍य में हिरासत में लिए गए सभी किसानों को रिहा कर दिया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 06:04 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:04 PM (IST)
हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में कहा-सभी किसानों को छोड़ दिया, याचिका खारिज हो
चंडीगढ़ स्थित पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए सरकार द्वारा किसानों को हिरासत में लेने के मामले में हाई कोर्ट में सफाई दी। हरियाणा सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में बताया कि दिल्‍ली कूच के दौरान हिरासत में लिए गए सभी किसानों रिहा कर दिया गया है। किसानों को हिरासत में लेने के तीन से चार दिन के भीतर छोड़ दिया गया है। ऐसे में अब इस याचिका का कोई औचित्य नहीं है, इसे खारिज किया जाए। बता दें कि हरियाणा में हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी।

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हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा, क्या किसानों की हिरासत कानूनी तौर पर उचित थी

हरियाणा सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट के जस्टिस जेएस पूरी की बेंच ने कहा कि किसानों छोड़ देने से याचिका खत्म नहीं होती, अब कोर्ट को यह देखना है कि किसानों को हिरासत में रखना, क्या कानूनी तौर पर उचित था। इस पर याचिकाकर्ता संस्था हरियाणा प्रोग्रेसिव फार्मर संगठन के वकील प्रदीप रापडिय़ा ने हाई कोर्ट को बताया कि सरकार ने अपनी एक रिपोर्ट में कुछ किसानों को अपराधी बताया है, जबकि जिनको हिरासत में रखा गया उनके खिलाफ कोई मामला भी दर्ज नहीं था। हिरासत में रखने के लिए कोई कानूनी प्रकिया और किसानों को कोई कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं करवाई गई, जो कानूनन उनका हक था।

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वो 18 दिसम्बर से पहले किसानों को हिरासत में रखने के पक्ष में जवाब दायर कर स्पष्ट करे कि उनका यह कदम कानूनी तौर पर उचित था। ज्ञात रहे कि संगठन ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर किसानों की रिहाई की मांग की थी। हाई कोर्ट से आग्रह किया गया कि कि सभी थानों में जांच के लिए सरकारी खर्चे पर वारंट आफिसर तैनात किए जाएं। वारंट आफिसर थानों की जांच कर निर्दोष किसानों को रिहा करवाएं व सरकार ऐसे किसानों को उचित मुआवजा जारी कराएं।

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