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अजय चाैटाला ने दुर्योधन कहने के बाद खोला अभय से रिश्‍ते का राज, कही दिल छूने वाली बात

चौटाला परिवार के विवाद में अजय चौटाला और अभय चाैटाला भले ही आज आमने-सामने हैं, लेकिन छोटे भाई के लिए बड़े का प्‍यार अब भी झलकता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 02:23 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 04:59 PM (IST)
अजय चाैटाला ने दुर्योधन कहने के बाद खोला अभय से रिश्‍ते का राज, कही दिल छूने वाली बात
अजय चाैटाला ने दुर्योधन कहने के बाद खोला अभय से रिश्‍ते का राज, कही दिल छूने वाली बात

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेेलो) और चौटाला परिवार के विवाद में दो भाई अजय और अभय चाैटाला आज आमने-सामने हैं। छोटे भाई अभय कभी बड़े भाई अजय सिंह चौटाला के लाडले हुआ करते थे। लेकिन, सियासत की चाल ने दरार पैदा कर दिया। अपने पुत्रों दुष्‍यंत और दिग्विजय चौटाला को इनेलो से बाहर किए जाने के बाद अजय ने अभय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है अौर जेल से पैराेल पर बाहर आने के बाद रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इन सबके बीच अजय का अपने छोटे भाई बिल्‍लू (अभय चौटाला) के प्रति प्‍यार भी झलकता है। अावेश में छोटे भाई को दुर्योधन तक कह देने वाले अजय कहना है कि ऐसा बोल देने से बिल्‍लू नाराज है, लेकिन उसे मैं मना लूंगा।

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जागरण से विशेष बातचीत में अजय सिंह चौटाला ने पार्टी अौर परिवार में चल रहे विवाद पर खुलकर अपनी बता रखी। इस दौरान अभय चौटाला को लेकर अपने जज्‍बात भी उन्‍हाेंने जाहिर किए। अजय चौटाला ने कहा, मेरे जेल जाने के बाद मेरे लाडले बिल्लू (अभय सिंह चौटाला) ने अपने भतीजों दुष्यंत और दिग्विजय का ध्यान रखा। लेकिन उसने 40 साल से मेरे साथ इनेलो को मजबूत बनाकर रखने वाले कार्यकर्ताओं का ध्यान रखने में कहीं न कहीं कोई कोताही की।

अजय ने कहा, बिल्लू ने बहुजन समाज पार्टी ( बसपा) से समझौता करके इनेलो को 2019 में सत्ता के नजदीक ला दिया, लेकिन जब पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होने लगी तो दुष्यंत-दिग्विजय ने इसका विरोध किया। ऐसे में बिल्लू ने उन्हें (दुष्‍यंत व दिग्विजय को) अकेला समझा, इसलिए पार्टी के अंदर के कुछ नेताओं ने बिल्लू से मिलकर दुष्यंत-दिग्विजय को निकलवा दिया।

अजय चौटाला ने कहा, बेशक शुक्रवार को सिरसा में मेरी अभय से मुलाकात नहीं हुई है लेकिन आज वह दिल्ली आ रहे हैं और मेरी उनसे मुलाकात हो जाएगी। अजय चौटाला ने कहा, 5 नवंबर को मेरे मुंह से जो कड़े शब्द निकले, उसका कारण भी यह है कि मुझसे पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी नहीं होती। जनभावनाएं ऐसी थीं कि मुझे ऐसे शब्द कहने पड़े।

अजय ने कहा, बसपा से समझौता करने पर मुझे कोई ऐतराज नहीं है। हमें पता है कि बसपा के सहयोग से हम राज्य में मजबूत सरकार दे सकते हैं। 17 नवंबर को इनेलो की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक है और इसमें सभी विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। इसमें जो निर्णय कार्यकर्ता करेंगे, मैं उसने आदरपूर्वक मानूंगा।

उन्‍होंने कहा कि गुरुग्राम में 18 अक्टूबर को जो प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई थी, वह भी कानूनी दृष्टि से सही है, उसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला के आदेश पर बुलाया गया था। इसके साथ ही मैंने जो 17 नवंबर को जींद में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, वह भी अधिकृत और पार्टी संविधान के दायरे में है।

अजय चौटाला ने कहा, मैंने बिल्लू को दुर्योधन कह दिया था और उससे वह आहत है तो मैं उसे मना लूंगा। वह मेरा अजीज है। भाजपा और कांग्रेस के लोग हमारी पार्टी में कार्यकर्ताओं के सम्मान की लड़ाई को राजनीतिक रूप से देख रहे हैं। मेरा मानना है कि 17 नवंबर को जींद में इनेलो के सभी कार्यकर्ता एकमंच पर होंगे और वे सभी पार्टी को मजबूत करके राज्य में सरकार बनाने का संकल्प लेंगे।

कभी ऐसे मिलते थे दोनों भाई अजय और अभय चौटाला।

अजय ने बातचीत के दौरान पूरे विवाद पर पूछे गए सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। पेश हैं कुछ सवाल व उनके जवाब-

जींद में 17 नवंबर को आपने जो बैठक बुलाई है उसका क्‍या औचित्‍य है अौर क्‍या यह पार्टी की अधिकृत बैठक होगी?

-17 नवंबर को जींद में बुलाई गई पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक अधिकृत और पार्टी संविधान के मुताबिक होगी। मैंने इनेलो का महासचिव होने के नाते यह बैठक बुलाई है। सिरसा में शुक्रवार को हुई विधायक दल की बैठक में मुझे नहीं बुलाया गया था, यदि बुलाया गया होता तो मैं सिरसा में रहते हुए, वहां उपस्थित हो जाता।

क्‍या अापकी अभय चौटाला से मुलाकात की संभावना है?

-शुक्रवार सिरसा में मेरी अभय सिंह चौटाला से मुलाकात नहीं हुई , लेकिन यह दिल्ली में हो जाएगी। अभय सिंह चौटाला निरंतर मेरे संपर्क में हैं।

पार्टी में समस्‍या के लिए आप किन लोगों को जिम्‍मेदार मानते हैं?

- अभय सिंह चौटाला को गुमराह करने वाले पार्टी विरोधी नेता चिन्हित हो चुके हैं, अंत में उन्हीं के ऊपर गाज गिरेगी। इंडियन नेशनल लोकदल कार्यकर्ताओं का दल है, न मेरा है  और न ही किसी और का है। जिन्होंने गलियों की धूल फांककर इस दल को अपने खून पसीने से सींचा है, उन्हीं का रहेगा।

पूरे मामले में क्‍या पिता आेमप्रकाश चौटाला से मुुलाकात करेंगे?

- अभी चौधरी ओमप्रकाश चौटाला से मैं मुलाकात कर नहीं सकता क्योंकि वह जेल में रहते हुए इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में कानूनी रूप से उनसे मिल नहीं सकता। बाकी परिवार के सदस्य जो मिलने के लिए अधिकृत हैं, वे तो उनसे मिलते ही हैं। जेल में तो मैं चौटाला साहब मेरे साथ ही रहता हूं और मेरी व उनकी राेज मुलाकात होती है। ओमप्रकाश चौटाला हमारे बड़े हैं और उनका सदैव हमारे ऊपर हाथ रहा है।

अाखिर, इस विवाद का कारण क्‍या है अौर अभय चौटाला के बारे में आपकी क्‍या सोच है?

- कार्यकर्ता असमंजस में न रहें, यह लड़ाई उनके लिए ही लड़ी जा रही है। अभय चौटाला को मैं कुछ भी कह सकता हूं, वह मेरा अजीज है, यदि वह मेरी बातों से आहत हुआ है तो मैं उसे मना लूंगा।

इनसो को भंग करने पर भी विवाद है, इस बारे में अाप क्‍या कहेंगे?

-इनसो एक पंजीकृत संस्था है, इसे कोई भंग नहीं कर सकता है। जब गोहाना रैली में हुल्लड़बाजी करने वालों को कांग्रेस के पेड वर्कर कहा जा रहा है तो फिर दुष्यंत और दिग्विजय कैसे दोषी हो गए।

पार्टी के चंडीगढ़ कार्यालय के मलिकाना हक की बात भी उठाई जा रही है?

- हमारा कोई प्रापर्टी या ऑफिस का कोई झगड़ा नहीं है। चंडीगढ़ में पार्टी कार्यालय यथावत रहेगा।

चर्चाएं हैं कि पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी चौटाला परिवार का विवाद समाप्‍त करने के लिए पहल कर रहे हैं, आपका इस पर क्‍या कहना है?

-प्रकाश सिंह बादल हमारे बड़े हैं और वे यदि कोई प्रयास करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। उनका पूरा परविार बेहद सम्‍मान करता है।

कहा जा रहा कि आप और आपके पुत्र जननायक सेवादल को फिर सक्रिय करने जा रहे हैं और इस संबंध में दिल्‍ली में बैठक करने वाले हैं?

- नई दिल्ली के 18 जनपथ पर जननायक सेवा दल की कोई बैठक नहीं हो रही है। कार्यकर्ता आ रहे हैं, उनसे मुलाकात हो रही है। कांग्रेस और भाजपा समझ ले कि इनेलो ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व में एक है। हरियाणा विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता पद पर इनेलो का ही कब्जा रहेगा।


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