किसानों पर लाठीचार्ज मामले में अनिल विज व दुष्यंत चौटाला के अलग सुरों पर अभय ने उठाए सवाल
अभय चौटाला ने किसानों पर हुए लाठीचार्ज के मामले पर अनिल विज व दुष्यंत चौटाला के अलग-अलग सुरों पर सवाल उठाए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। कुरुक्षेत्र में किसानों पर लाठीचार्ज पर जमकर सियासत हो रही है। मामले में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज के अलग-अलग सुर पर सवाल उठाते हुए इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि सरकार स्थिति साफ करे।
इनेलो के प्रधान महासचिव ने कहा कि वह खुद एक बुजुर्ग से मिलकर आए हैं जिसके पैर की तीन अंगुली टूटी हैं। गांव के अन्य कई लोगों को भी लाठी-डंडे लगे हैं। लाठीचार्ज से इन्कार करने वाले विज से माफी मांगने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि या तो गृह मंत्री ने जानबूझकर यह बयान दिया है या फिर उन्हें अधिकारियों ने गलत जानकारी दी है। उप मुख्यमंत्री भी मामले में जांच की बात कहकर ड्रामा कर रहे हैं।
चौटाला ने कहा कि जांच की मांग विपक्ष या सामाजिक संगठन करते हैं। दुष्यंत तो खुद सरकार के सहयोगी हैं। अगर सरकार इनके कहने से जांच नहीं करेंगी तो क्या वे सरकार को छोड़ देंगे। डिप्टी सीएम के विभाग में हुए घोटालों की भी जांच होनी चाहिए। आखिर क्या कारण है कि ज्यादातर घोटाले दुष्यंत के महकमों में ही हुए हैं। चाहे वह करोड़ों का रजिस्ट्री घोटाला हो या फिर शराब और धान घोटाला।
अभय चौटाला ने कहा कि किसान खेत छोड़कर अपनी बात रखने आए थे न कि सड़क रोकने। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने तीन सांसदों की कमेटी बनाई है, लेकिन वह बताएं कि यह कमेटी सरकार की है या संगठन की। अगर कमेटी सरकार की है तो धनखड़ सांसद, विधायक या मंत्री हुए बगैर सरकार में दखल कैसे दे सकते हैं।
अध्यादेश पर कांग्रेस को भी घेरा
अभय चौटाला ने कहा कि कांग्रेस की दस राज्यों में सरकार है। उन्हें कृषि अध्यादेशों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजना चाहिए था। इसके उलट केवल पंजाब के मुख्यमंत्री ने ही इन अध्यादेशों को लागू नहीं करने का फैसला किया है। अभय ने कहा कि विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अध्यादेश का कभी विरोध नहीं किया। अगर ऐसा करते तो विधानसभा में तीन दिन के सत्र को तीन घंटे में खत्म करने की सहमति नहीं देते। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल का जो नुकसान हुआ है, उसकी गिरदावरी नहीं हो रही। वह मुख्यमंत्री से मिलकर सफेद मक्खी से हुए नुकसान और टिड्डी दल के हमले के नुकसान के मुआवजे की मांग करेंगे।