चाचा-भतीजा के विवाद में बड़े चौटाला का फैसला- अभय ही होंगे राजनीतिक वारिस
चौटाला परिवार में चाचा और भतीजा के विवाद में पूर्व मुख्यमंत्री आेमप्रकाश चौटाला ने अपना फैसला सुना दिया है। उन्हाेंने अभय चाैटाला को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और चौटाला परिवार में चाचा- भतीजा के विवाद में अब बड़े चौटाला यानि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने अपना फैसला सुना दिया है। परिवार में सत्ता के लिए संघर्ष के बीच आेमप्रकाश चौटाला ने साफ कर दिया है कि अभय चौटाला ही उनके राजनीतिक वारिस होंगे। पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल के समय से पीढ़ी दर पढ़ी चली आ रही राजनीतिक विरासत की लड़ाई पर फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला ने लगाम लगा दी है।
आेमप्रकाश चौटाला ने पुत्र-पौत्र के सत्ता संघर्ष पर लगाया विराम, बेटे पर दिखाया भरोसा
बड़े चौटाला ने पौत्र और छोटे पुत्र में से बेटे को ही संगठन की बागडोर देने के लिए चुना है। इनेलो सुप्रीमो ने जेल में सजा काट रहे बड़े बेटे अजय चौटाला के पुत्रों सांसद दुष्यंत और दिग्विजय की अगुवाई वाले युवा मोर्चा और इनसो को भंग कर स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी की बागडोर अभय ही संभालेंगे। इसके साथ ही इनेलो की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से लेकर प्रदेश और जिला कार्यकारिणियों से दुष्यंत-दिग्विजय समर्थक नेताओं को बाहर कर साफ कर दिया कि पार्टी में सत्ता के दो केंद्र स्वीकार नहीं।
दुष्यंत चौटाला के साथ पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला।
जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला और उनके बड़े बेटे अजय चौटाला के जेल जाने के बाद अभय चौटाला ने जिस तरह पार्टी को बिखरने से बचाया, उसका इनाम मिलना एक तरह से तय था। गुरुग्राम में कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री ने संगठन को पहले से भी मजबूत बताकर अभय चौटाला को पूरे नंबर दे दिए थे।
गोहाना रैली में नारेबाजी के दौरान बड़े चौटाला ने जिस तरह सार्वजनिक मंच से हुड़दंगियों को पार्टी से निकालने की चेतावनी दी थी, तभी इनेलो सुप्रीमो का रुख एक तरह से साफ हो गया था।
अभय को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने की तैयारी
इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी खुद संभालने की घोषणा कर चुके बड़े चौटाला ने अभय चौटाला को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर ली है। ऐसा इनेलो से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया है। पैरोल पर चल रहे ओमप्रकाश चौटाला 18 अक्टूबर को वापस जेल चले जाएंगे।
अभय चौटाला के साथ पूर्व मुख्यमंत्री आेमप्रकाश चौटाला।
इससे पहले ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला को इनेलो का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस अवधि में यदि यह संभव नहीं हुआ तो देर सबेर इस फैसले पर मुहर लग सकती है।
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उधर दिग्विजय चौटाला बोले- इनसो को नहीं किया जा सकता भंग
दूसार आेर, इनेलाे की युवा विंग इनसो को भंग करने की चर्चा पर दुष्यंत चौटाला के भाई व इनसो के अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने तल्ख बयान दिया है। दिग्विजय ने नई दिल्ली में कहा कि इनसो को भंग नही किया जा सकता है। इनसो एक स्वतंत्र इकाई है। दिग्विजय ने कहा कि संगठन को भंग करने की बात पर इनसो का कोई भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता कोई प्रतिक्रिया न दे। इनसो के फैसले केवल इनसो कार्यकारिणी या इनसो के संस्थापक अजय चौटाला ले सकते है। आधिकारिक तौर पर इनसो भंग नही हुई है और न ही कोई इसे भंग कर सकता है।