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हरियाणा में शिक्षा निदेशक ने जारी किए 857 सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश, जानें क्या है वजह

हरियाणा में नए शैक्षणिक सत्र में 857 सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे। दरअसल यह स्कूल न्यूतम छात्र संख्या के मानक को पूरा नहीं कर पाए हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चे अब दूसरे स्कूलों में समायोजित किए जाएंगे। शिक्षा निदेशक ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 07:12 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 07:18 PM (IST)
हरियाणा में शिक्षा निदेशक ने जारी किए 857 सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश, जानें क्या है वजह
हरियाणा में 857 सरकारी स्कूल होंगे बंद। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में इस साल डेढ़ लाख विद्यार्थी बढ़े हैं। इसके बावजूद नए शैक्षणिक सत्र में 857 सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे। यह वे स्कूल हैं जिनमें तमाम प्रयासों के बावजूद छात्र संख्या 25 के पार नहीं पहुंच पाई। इनमें 743 प्राथमिक स्कूल और 314 मिडिल स्कूल हैं। इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को एक किलोमीटर के दायरे में संचालित दूसरे राजकीय प्राथमिक स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। इसके अलावा इन स्कूलों में तैनात 1304 जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) और मुख्य शिक्षकों,167 ईएसएचएम (एलीमेंट्री स्कूल हेडमास्टर) और 763 टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा।

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मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से तीन दिन में रिपोर्ट तलब की है कि 25 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के बच्चों को एक किलोमीटर के दायरे में स्थित किन स्कूलों में दाखिल कराया जाए। प्रदेश में 91 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें पांच से कम छात्र हैं, जबकि 120 स्कूलों में छात्र संख्या दस से कम है। 204 प्राथमिक स्कूलों में 11 से 15, 180 स्कूलों में 16 से 20 और 148 स्कूलों में छात्र संख्या 21 से 25 के बीच है। इसके अलावा 50 मिडिल स्कूलों में पांच से कम तो 20 स्कूलों में छात्र संख्या दस से कम है। 54 मिडिल स्कूलों में 11 से 15, 89 स्कूलों में 16 से 20 और 101 मिडिल स्कूलों में 21 से 25 के बीच छात्र हैं।

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उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में निजी स्कूलों के करीब डेढ़ लाख छात्र-छात्राओं ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है। 25 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मौजूदा शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही बंद करने की तैयारी थी, लेकिन तब मौलिक शिक्षा अधिकारियों और स्कूल मुखियाओं ने छात्र संख्या बढ़ाने का भरोसा दिलाते हुए प्रदेश सरकार से एक साल की मोहलत ले ली थी। तमाम प्रयासों के बावजूद इन स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ नहीं पाई जिस कारण मौलिक शिक्षा निदेशक ने इन्हें बंद करने का फैसला किया है।

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निजी स्कूलों में बिना एसएलसी दाखिला नहीं ले पाएंगे छात्र

निजी स्कूलों के छात्रों को दूसरे निजी स्कूलों में दाखिले के लिए स्कूल छोडऩे का प्रमाणपत्र (एसएलसी) देना पड़ेगा। शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। वहीं, निजी स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिले में मिली एसएलसी की छूट का विरोध कर रहे निजी स्कूल संचालकों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू और हरियाणा स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के स्टेट कोआ्िरर्डनेटर वीरेंद्र आर्य के नेतृत्व में मिले शिष्टमंडल को शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर और मौलिक शिक्षा निदेशक नितिन यादव ने भरोसा दिलाया कि नियम 134 के तहत बकाया राशि जल्द जारी की जाएगी। एक्जिङ्क्षस्टग स्कूलों की सूची भी जल्द जारी की जाएगी।

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